
केरल के मशहूर ट्रैवल व्लॉगर माहीन शाहजहां (Kerala Vlogger Maheen Shajahan) के एक वायरल वीडियो पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है। इस विवादित वीडियो में माहीन को कुछ विदेशी महिलाओं के साथ एक हिंदू मंदिर में जाते हुए और उनके माथे पर परंपरागत रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा लगाए जाने वाला सिंदूर (Sindoor) लगाते हुए देखा जा सकता है। माहीन के इस कदम की सोशल मीडिया पर तीव्र आलोचना हो रही है। कई यूजर्स ने इस हरकत को न केवल अनुचित, बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों का गंभीर अपमान तक बता डाला है।
तीखी प्रतिक्रियाओं और आलोचनाओं के बीच, व्लॉगर माहीन ने एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना बिल्कुल नहीं था। ब्रूट इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “मुझे यह तो पता था कि सिंदूर शादीशुदा महिलाएं लगाती हैं, लेकिन यह जानकारी नहीं थी कि यह इतना पवित्र और निजी प्रतीक है कि कोई और उसे नहीं लगा सकता।”
ट्रैवल व्लॉगर ने दी विस्तृत सफाईव्लॉगर माहीन ने अपने बचाव में यह भी दावा किया कि यदि उन्हें पता होता कि हिंदू धर्म में सिंदूर केवल पति द्वारा ही लगाया जाता है और यह विवाह का अत्यंत पवित्र प्रतीक है, तो वह कभी भी ऐसा कार्य नहीं करते। उन्होंने यह भी जोड़ा, “मैं हमेशा सभी धर्मों और परंपराओं का सम्मान करने की कोशिश करता हूं।” उनका यह भी कहना है कि वीडियो में शामिल किसी भी विदेशी महिला ने उनके इस कृत्य पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी, जिससे उन्हें गलतफहमी हुई।
वायरल वीडियो में आखिर क्या दिखाया गया?इस समय सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि माहीन शाहजहां कुछ विदेशी महिलाओं के साथ केरल के एक प्रतिष्ठित मंदिर में प्रवेश करते हैं। फिर वह उन महिलाओं के माथे पर सिंदूर लगाते हैं — एक ऐसी प्रथा जो पारंपरिक रूप से विवाहित हिंदू महिलाओं से जुड़ी हुई है। इस दृश्य को देखकर कई नेटिजन्स ने इसे अपमानजनक, अज्ञानता भरा और संवेदनशील धार्मिक भावनाओं का अनादर करार दिया। हालांकि, यह वीडियो अब मूल अकाउंट से हटा दिया गया है, लेकिन इसके क्लिप्स अभी भी कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
माहीन शाहजहां ने कैप्शन में क्या लिखा था?माहीन ने यह वीडियो 25 मई को शेयर करते हुए इसके कैप्शन में लिखा था: “केरल के मंदिर में मुस्लिम लड़का। केरल में आस्था कोई बाधा नहीं है। एक मुस्लिम के रूप में अपने विदेशी दोस्तों को एक हिंदू मंदिर में ले जाकर मुझे केवल गर्मजोशी, स्वागत और आंतरिक शांति का अनुभव हुआ। भारत में धार्मिक सहिष्णुता एक आदर्श नहीं, बल्कि एक दैनिक जीवनशैली है जिसे हर कोई निभाता है।”
सोशल मीडिया पर नाराज़गी और तीखी प्रतिक्रियाएंवीडियो देखने के बाद एक यूजर ने सवाल किया, “श्री दुर्गा भद्रा देवी मंदिर, अरवल्लीक्कवु, थोडुपुझा में 4 विदेशी महिलाओं को उपहासात्मक ढंग से सिंदूर लगाना क्या पवित्र सिंदूर का अपमान नहीं है?” एक अन्य यूजर ने यह भी पूछा, “आखिर ऐसी चीज़ों की अनुमति कैसे दी जा सकती है, खासकर तब जब उन लोगों को इसका असल अर्थ भी नहीं पता होता?” वहीं, एक अन्य कमेंट में कहा गया, “इस बंदे ने शायद जानबूझकर अटेंशन और विवाद पाने के लिए यह हरकत की है।”