प्रकृति में समय-समय पर कई ऐसी घटनाएँ होती है जो कि अविश्वसनीय और आश्चर्यचकित करने वाली होती हैं। ऐसी ही एक घटना हैं बारिश से जुडी हुई। बारिश सभी को अच्छी लगती हैं, लेकिन अगर वह खूनी बारिश हो तो यह डराने वाली बात लगती हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है देश के दक्षिण तटीय इलाकों में जो की आश्चर्य का विषय हैं। तो आइये जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी के बारे में।
लाल बारिश में, पानी खून जैसा लाल हो जाता है। अक्सर इसे देखकर लोगों में किसी दैवी आपदा की आशंका जग जाती है। लेकिन वैज्ञानिक बताते हैं कि, इसमें डरने जैसी कोई बात नहीं है। यह एक प्राकृतिक घटना मात्र है। दरअसल लाल बारिश के पीछे एक कवक है। अल्गा नाम का यह कवक पेड़ों की भीगी शाखाओं और चट्टानों पर उगता है। आंखों से न देखे जा सकने वाले उसके बारीक बीजाणु हवा में उड़ते रहते हैं। बारिश के दौरान वे लाल रंग छोड़ते हैं। इससे पूरा माहौल लाल हो जाता है।
इसके संबंध में वर्ष 2013 में फिजियो जिनेटिक्स एवं इवोल्युशनरी बायोलॉजी में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। जिसमें कहा गया था कि यह यूरोपियन कवक सेंट्रल यूरोप और आस्ट्रिया में बड़ी संख्या में पाया जाता है। इसे केरल और श्री लंका के वर्षा वनों में भी बड़े पैमाने पर देखा गया है।