पत्नी की याद में इस शख्स ने कर दिया कुछ ऐसा, कहा जा रहा 21वीं सदी का शाहजहां

यह तो आप सभी जानते होंगे कि देश की खूबसूरत इमारत ताजमहल को शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया गया था जो कि अटूट प्यार को दर्शाता हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 21वीं सदी का शाहजहां कहा जा रहा हैं। हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के बिज़नेसमैन श्रीनिवास गुप्ता की। लेकिन अब बात आती हैं कि आखिर इन्हें क्यों 21वीं सदी का शाहजहां कहा जा रहा हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

कर्नाटक के कोप्पल निवासी बिज़नेसमैन श्रीनिवास गुप्ता ने 3 साल पहले एक कार एक्सीडेंट में अपनी पत्नी माधवी को खो दिया था। वहीं वह अपनी पत्नी से बेइंतहा प्यार करते थे। धीरे धीरे समय निकलता गया, लेकिन श्रीनिवास अपनी पत्नी को भुल नहीं पाए। अब कोप्पल में बनाए अपने नए बंगले में गृहप्रवेश के दौरान उन्होंने पत्नी की याद में घर के आंगन में उनकी एक बड़ी मूर्ति भी लगवाई है। जी हाँ, यह बहुत ही हैरान कर देने वाली बात है लेकिन सच है। हाल ही में श्रीनिवास गुप्ता ने सिलिकॉन वैक्स से बनी माधवी की मूर्ति अपने घर में लगाई है। उन्होंने इस मूर्ति को जाने-माने आर्किटेक्ट Ranghannanavar की मदद से बनवाया है। इस मूर्ति को उन्होंने अपने घर के आंगन में रखा है और इस प्रतिमा को देखने के बाद यह असली ही दिखाई देती है जिससे कोई भी धोखा खा जाता है।

आप देख सकते हैं इस प्रतिमा में माधवी मैजेंटा कलर की साड़ी के अलावा सोने के गहने पहनी नज़र आ रही हैं। वहीं माधवी की मूर्ति को सोफ़े पर स्थापित किया गया है। इस बारे में एक वेबसाइट से बिज़नेसमैन श्रीनिवास गुप्ता ने कहा कि, 'हमारा ये नया बंगला माधवी के सपनों का घर था। माधवी को फिर से अपने घर में पाकर बहुत अच्छा लग रहा है, क्योंकि ये उसका ड्रीम होम था। मैं अक्सर उसे बहुत याद करता था। इसलिए चाहता था कि वो इस घर में रहकर अपने सपने को पूरा होते हुए देखे। ये प्रतिमा क़रीब 1 साल में बनकर तैयार हुई है, जिसे बंगलुरू के मशहूर आर्टिस्ट श्रीधर मूर्ति ने तैयार किया है। श्रीधर ने इसके लिए सिलिकॉन वैक्स का उपयोग किया है जो बेहद टिकाऊ है। ये प्रतिमा हूबहू मेरी पत्नी जैसी है, इसे देखकर ऐसा लगता है मानो वो मेरे सामने है और मुस्कुरा रही है।'

आगे उन्होंने कहा, 'माधवी के जाने बाद मैं अक्सर सोचता था कि मेरे नए घर में मैं अपनी पत्नी के साथ रहूं। इसके लिए लोगों ने मुझे वैक्स की प्रतिमा बनवाने की सलाह दी। जब मैं इस संबंध में मूर्तिकार श्रीधर से मिला तो उन्होंने कहा कि आपका घर कोप्पल में है और वहां का मौसम काफ़ी गर्म रहता है। ऐसे में वैक्स के पिघलने का ख़तरा बना रहेगा। इसलिए श्रीधर ने मुझे वैक्स की जगह सिलिकॉन वैक्स की प्रतिमा बनाने की सलाह दी।'