ठण्ड का मौसम आ चुका हैं और सर्दियां अपना असर दिखाने लगी हैं। ऐसे में तेज सर्दी के दौरान सभी को हीटर की जरूरत पड़ती हैं। लेकिन हीटर का बिजली का बिल काफी महंगा पड़ जाता हैं, जिस कारण से ठण्ड में ही रात गुजारते हैं। लेकिन अगर आप सर्दियों से बचना चाहते हैं और वो भी बिना पैसे दिए तो आज हम आपको बिना बिजली वाले हीटर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे। यह तरीका अपनाया जाता हैं देश में सबसे ज्यादा ठंडी का एहसास देने वाले कश्मीर में। लेकिन इस ठंड में मिट्टी के बर्तन में अंगारों से भरी हुई कांगड़ी गर्मी का अहसास दिलाती है। यूं कहे तो कांगड़ी कश्मीरियों की सबसे अच्छी दोस्त होती है।
कश्मीर में जब ठंड के मौसम में तापमान शून्य से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला जाता है तो एकमात्र कांगड़ी ही ऐसी चीज है जो लोगं का सहारा बनती है। कांगड़ी कश्मीर की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। इसकी बनावट देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित करती है। कांगड़ी कश्मीर के पारंपरिक चीजों में से एक है। इसे अंग्रेजी भाषा में फायर पॉट भी कहते हैं। सर्दियों के मौसम में यह कांगड़ी लोगों के लिए चलता-फरता हीटर का काम करती है। बाहर से आए पर्यटक इसे पोर्टेबल या मूविंग हीटर भी कहते हैं।मिट्टी के बर्तन में धधकते अंगारों से भरी हुई कांगड़ी, बाहर से सुंदर हस्तनिर्मित टोकरी से सजी हुई होती है। कश्मीरी लोग इसे अपने फिरन के अंदर रखते हैं। फिरन एक ऊनी कपड़ा होता है। इसे लोग सर्दियों में घुटनों तक पहनते हैं। कांगड़ी कश्मीर के स्थायी शिल्प का एक प्रतीक है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। इसकी बनावट में स्थानीय स्थानीय कारीगरी की अनूठी छाप देखने को मिलती है।