एकता की बड़ी मिसाल पेश करता हैं जम्मू-कश्मीर का ये शिव मंदिर, मुस्लिम बाप-बेटे करते हैं देखभाल

देश में कई बार ऐसा माहौल बन जाता हैं कि लोग धर्म के नाम पर आमने-सामने आ जाते हैं जिसके पीछे कई बार राजनैतिक कारण भी होते हैं। हांलाकि भारत को अपनी एकता-अखंडता के लिए जाना जाता हैं। इसके कई उदाहरण सामने आते रहते हैं जो धर्म से परे हैं। इस बीच एकता की बड़ी मिसाल पेश करता हैं जम्मू-कश्मीर का शिव मंदिर जिसकी देखभाल मुस्लिम बाप-बेटे करते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर कश्मीर के आपसी भाईचारे की निशानी है।

यह मंदिर श्रीनगर में स्थित है और इस मंदिर की देखभाल कोई पुजारी या पंडित नहीं, बल्कि मुस्लिम पिता और बेटे की जोड़ी करती है। 34 साल के निसार अहमद अलाई पिछले कई महीनों से एक शिव मंदिर की देखभाल कर रहे हैं। निसार ना तो बोल सकते हैं और ना ही सुन नहीं सकते हैं। वहीं मिली जानकारी के तहत निसार ने शिव मंदिर की देखभाल करने का जिम्मा अपने पिता के बाद संभाला हैं। निसार के पिता ने छह साल से भी ज्यादा समय तक मंदिर की देखभाल की और पूरा काम संभाला। कहा जाता है यह शिव मंदिर जाबरावां पहाड़ियों में स्थित एक छोटा सा मंदिर है और निसार मंदिर के प्रांगण में साफ-सफाई करते हैं।

स्थानीय निवासी का कहना है, 'वो लंबे समय से यहां केयरटेकर के रूप में काम कर रहे हैं और मंदिर के रखरखाव का पूरा ख्याल रखते हैं। यह कश्मीर के भाईचारे की निशानी है जो हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।' आगे उन्होंने कहा, ‘अगर पिता और पुत्र किसी कारणवश मंदिर की देखभाल नहीं कर पाते, तो ऐसी स्थिति में अन्य लोग मंदिर के रखरखाव का पूरा ध्यान रखते हैं।’