आखिर कैसे चल पाती है चींटियाँ एक लाइन में, जानें इनसे जुड़े कई रोचक तथ्यों के बारे में

जिस तरह किसी भी इंसान के लिए एक इंसान मायने रखता हैं, उसी तरह जानवर भी पर्यावरण में संतुलन बनाने के लिए मायने रखता हैं। आपने देखा होगा कि छोटी-सी चिंटी किस तरह अपने जीवन का निर्वाह करती हैं और अपने साथियों के साथ भोजन इकठ्ठा करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि चींटियाँ हमेशा एक ही कतार में चलती हैं जबकि उनके कान नहीं होते हैं। आज हम आपको चींटियों से जुड़े ऐसे ही कई रोचक तथ्यों की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इनके बारे में।

- चींटियां सामाजिक प्राणी होती हैं जो कॉलोनी में रहती है। इस कॉलोनी में क्वीन, मेल चींटी और

- बहुत सारी फीमेल वर्कर चीटियाँ होती हैं।

- रानी चींटी के बच्चों की संख्या लाखों में होती है।

- रानी और मेल चींटी के पंख होते हैं जबकि वर्कर चींटियों के पंख नहीं होते हैं।

- भले ही हम केवल लाल और काली चींटी के बारे में ही जानते हों लेकिन दुनियाभर में चींटियों की करीब 12,000 प्रजातियां मौजूद हैं।

- छोटी सी दिखने वाली चींटी अपने वजन से 20 गुना ज्यादा वजन भी उठा सकती है।

- चींटियों के कान नहीं होते हैं, वो जमीन के कम्पन से ही शोर का अनुभव करती हैं।

- कॉलोनी में रहने वाले कुछ मेल चींटियों का काम क्वीन के साथ मेटिंग करने तक ही सीमित होता है और इसके बाद वो बहुत जल्द मर जाते हैं।

- रानी 30 साल से भी ज्यादा समय तक जिन्दा रहती है।

- रानी चींटी के मरने के बाद चींटियों की कॉलोनी के लिए जीवित रहना बहुत मुश्किल हो जाता है और वो केवल कुछ महीने तक ही जीवित रह पाती हैं।

- चींटी के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड के आवागमन के लिए चींटी के शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं।

- चींटियां लाइन में चलती हैं क्योंकि इनकी लीडर द्वारा फेरोमोन रसायन स्रावित किया जाता है जिसकी गंध को सूंघते हुए बाकी चींटियां उसके पीछे चलती जाती हैं जिससे एक लाइन बन जाती है।