सौरमंडल का सबसे आकर्षित ग्रह है शनि, आखिर क्यों नहीं रह सकते यहां इंसान, जानें रहस्य

ज्योतिष में आप सभी ने शनि ग्रह के बारे में सुना ही होगा कि इसकी बुरा दशा व्यक्ति के जीवन को तबाह कर सकती हैं। लेकिन क्या आप सौरमंडल में स्थित शनि ग्रह के बारे में जानते है जो कि अपने रिंग सिस्टम के कारण सौरमंडल का सबसे आकर्षित ग्रह है। यह ग्रह पृथ्वी से नौ गुना बड़ा है। शनि ग्रह पर इंसानों का रह पाना बेहद मुश्किल हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं शनि ग्रह से जुड़े रहस्यों के बारे में जो आपको हैरान कर देंगे।

- दरअसल, शनि ग्रह पर 1800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। यह पृथ्वी पर चलने वाली हवाओं से पांच गुना अधिक तेज हैं। ऐसे में यहां इंसानों का रह पाना लगभग नामुमकिन है।

- शनि ग्रह का औसत तापमान -178 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहता है। ऐसे में यहां इंसान बसने की सोच भी नहीं सकता।

- शनि उन पांच ग्रहों में से एक है, जिसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है। यह सौरमंडल की पांचवीं सबसे चमकीली वस्तु भी है।

- शनि ग्रह का वायुमंडल लगभग 96 फीसदी हाइड्रोजन और चार फीसदी हीलियम से बना है, जिसमें अमोनिया, एसिटिलीन, ईथेन, फॉस्फीन और मीथेन जैसी गैस भी पाई जाती हैं।

- शनि ग्रह को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में 29।4 पृथ्वी वर्ष लगते हैं। यहां दिन छोटे होते हैं और पृथ्वी पर इसकी तुलना में वर्ष लंबे होते हैं।

- शनि ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र बेहद ही शक्तिशाली है। इसका चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की तुलना में 578 गुना अधिक शक्तिशाली है।

- इस ग्रह पर पाई जाने वाली ऋतुएं शनि ग्रह की स्वयं उत्पन्न की गई गर्मी से बदलती हैं। इस ग्रह का मौसम सूर्य पर निर्भर नहीं करता।

- अब तक कुल चार अंतरिक्ष यान शनि का दौरा कर चुके हैं। ये हैं पायोनियर 11, वोयेजर 1, वोयेजर 2 और कैसिनी। कैसिनी ने एक जुलाई, 2004 को शनि की कक्षा में प्रवेश किया था।

- शनि ग्रह का आंतरिक भाग बहुत गर्म है। इसका तापमान 11,700 डिग्री सेल्सियस तक के स्तर को आसानी से पार कर लेता है।