दफनाने से ठीक पहले जी उठी महिला, सामने आई सच्चाई ने सभी को किया हैरान

मृत्यु को इस जीवन का सबसे बड़ा सत्य माना गया हैं जो एक ना एक दिन आनी ही हैं। आपने लोगों को यह भी कहते सुना होगा कि मौत से कोई नहीं जीत सकता और मरने वाला आदमी कभी जिंदा नहीं हो सकता हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो हैरान करने वाली हैं और मौत पर जीत दिखाती हैं। हम बात कर रहे हैं यूक्रेन की एक महिला की जिसे दफनाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन वह जिंदा हो उठी। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

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महिला का नाम जीनिया दिदुख (83 साल) है और वो स्टिरजावका शहर की रहने वाली हैं। दरअसल, जीनिया दिदुख एक सेवानिवृत नर्स हैं। पिछले रविवार वह स्टेज 3 कोमा में चली गई थीं, जिसके बाद परिवार वालों ने उनके इलाज के लिए घर पर ही डॉक्टरों को बुलाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उनकी हालत गंभीर है और अस्पताल ले जाने के क्रम में परेशानी और भी बढ़ सकती है। इसलिए उन्होंने जीनिया के परिवार वालों से उन्हें घर पर ही रखने की सलाह दी।

जब डॉक्टर जीनिया के घर से चले गए, उसके कुछ समय बाद घरवालों ने देखा कि उन्होंने सांस लेना बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने फिर से डॉक्टरों को बुलाया। डॉक्टरों ने जांच करने के बाद यह पुष्टि कर दी कि जीनिया की मौत हो चुकी है। उन्होंने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना कर परिवार वालों को दे दिया। इसके बाद परिवार वालों ने जीनिया के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कब्र खोदने वाले को बुला लिया। साथ ही दफनाने की रस्म पूरी करने के लिए एक पादरी को भी बुलाया गया।

जीनिया को दफनाने की तैयारी अभी चल ही रही थी कि उनकी बेटी को कुछ अजीब महसूस हुआ। उन्होंने उनका माथा छुआ, जो गर्म था। अब उन्हें यह समझते देर न लगी कि उनकी मां अभी जिंदा है। इसके बाद वो उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां पता चला कि वो स्टेज-3 कोमा में थीं। दरअसल, स्टेज-3 कोमा का मतलब होता है कि आदमी जिंदा रहते हुए भी मृत जैसा लगता है। ऐसा लगता है जैसे उसकी सांस ही न चल रही हो। डॉक्टरों ने लगभग एक हफ्ते तक जीनिया को अपनी देखरेख में रखा, जिसके बाद उन्हें होश आ गया।

जीनिया का इलाज करने वाले डॉक्टर व्लादीमीर चेबोतारेव का कहना था कि उन्होंने अपने 37 साल के करियर में ऐसा मामला कभी नहीं देखा। ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। होश आने के बाद जीनिया ने एक हैरान करने वाली बात बताई। उन्होंने बताया कि कोमा के दौरान उन्होंने स्वर्ग को देखा। उन्होंने वहां अपने पिता को आवाज भी लगाई। उनका कहना था कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था कि उनके पिता वहीं कहीं हैं और वो उनसे मिलने जरूर आएंगे। जीनिया ने आगे बताया कि कोमा के बाद जब उनकी आंख खुली तो उन्होंने अपने आसपास सफेद कपड़े पहने लोग दिखे। पहले तो उन्हें लगा कि वो फरिश्ते हैं, लेकिन बाद में पता चला कि वो डॉक्टर हैं। उन्होंने दोबारा जीवन देने के लिए भगवान को शुक्रिया कहा।