हवाई जहाज का सफर आप में से कई लोगों ने किया होगा और नहीं किया हो तो फिल्मों में या सोशल मीडिया पर उसे रनवे पर उतरने का नजारा तो देखा ही होगा किस किस स्पीड से वे नीचे उतरते हैं। इसका अहसास अन्दर बैठे यात्रियों को झटका लगने पर जरूर महसूस होता हैं। इसे देखकर सभी के मन में सवाल आता हैं कि हवाई जहाज के टायर आखिर कैसे इतना वजन और दबाव सहन कर लेते हैं तो फटते नहीं हैं, आखिर ये बने किसके होते है।
दरअसल, प्लेन के टायर हजारों पाउंड के वजन और तेज स्पीड को संभाल सकते हैं। इसके पीछे की वजह ये है कि ये खास तरह से बनाए जाते हैं। इन टायरों को बहुत मजबूती से बनाया जाता है। साथ ही इसमें नाइट्रोजन गैस भरी जाती है जिसकी वजह से इसका संयोजन लैंडिंग के समय कठोर परिस्थितियों में भी असरदार होता है। प्लेन के टायरों को सिंथेटिक रबर कंपाउंड्स के कॉम्बिनेशन के साथ बनाया जाता है। साथ ही ये एल्युमिनियम स्टील, नायलॉन के साथ भी जुड़े होते हैं। ये टायरों को मजबूती देने का काम करता है। यही वजह है कि काफी प्रेशर या दबाव होने के बाद भी ये टायर फटते नहीं हैं।टायरों में दबाव जितना अधिक होता है, टायर उतने ही मजबूत होते हैं, इसीलिए हवाई जहाज के टायरों को ट्रक के टायरों से दोगुना अधिक और कार के टायरों से छह गुना ज्यादा फुलाया जाता है। इससे विमान को सहारा देने के लिए अधिक ताकत मिलती है। इनकी साइज आदि इन्हें बनाते वक्त एयरक्राफ्ट के आधार पर तय की जाती है। हवाई जहाज के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है। नाइट्रोजन एक अक्रिय गैस है, इसलिए ज्यादा तापमान और दबाव परिवर्तन का प्रभाव इस पर बहुत कम होता है। वहीं इसे बनाते समय 38 टन तक के वजन के साथ टेस्ट भी किया जाता है।