भारत को धार्मिक एकता के लिए जाना जाता हैं जहां विभिन्न धर्मों के लोग आपसी प्यार और भाईचारे के साथ रहते हैं। ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत करता है एक हिन्दू परिवार जो अपने मंदिर में मुस्लिम धर्म की सबसे पवित्र किताब ‘कुरान शरीफ’ को रखकर उसकी पूजा करता हैं और यह कुरान भी बहुत ख़ास हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
अजमेर के गंज इलाके में रहने वाले बालकिशन खंडेलवाल के पास यह कुरान शरीफ है। यह परिवार श्रीमद् भागवत गीता की तरह इसे भी दिल से लगाकर रखता है। इस परिवार का दावा है कि उसके पास मौजूद कुरान शरीफ की ये प्रतिलिपि दुनिया में सबसे छोटी है। बालकिशन खंडेलवाल का परिवार सांप्रदायिक सौहार्द में विश्वास रखता है और उसी के अनुरूप जीवन जीता है। परिवार के मंदिर में रोजाना बड़े अदब के साथ कुरान की पूजा और देखभाल की जाती है।
हिंदू परिवार का कहना है ये दुनिया कि सबसे छोटी कुरान है। इसकी लंबाई महज 1।8 सेंटीमीटर है जबकि चौड़ाई भी 1।8 सेंटीमीटर है। इसका वजन महज 1।950 ग्राम है। कुरान में 258 पेज है जोकि अपने आप में इसे नायाब बनाते हैं। इतनी छोटी कुरान के 258 पेजों में कुरान की समस्त आयतें लिखी हुई हैं जिसको लैंस की मदद से आसानी से पढ़ा जा सकता है।
बालकिशन बताते हैं कि आज से 42 साल पहले इनके पिता ने मरने से पहले इसे बड़ी हिफाजत के साथ उन्हें सौंपा था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि यह कुरान परिवार में खुशहाली और बरकत का प्रतीक है, इसे हमेशा संभालकर रखना। बालकिशन का कहना है कि रोजाना सुबह-शाम पिछले 42 सालों से इसकी सेवा और पूजा करते आ रहे हैं। कुरान को रखने के लिए माचिस की डिब्बी से भी छोटी चांदी की डिब्बी बनवाई गई है। इसका नाम राजस्थान बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में इसे शामिल करने के लिए प्रयास जारी हैं।