'हेलमेट मैन ऑफ इंडिया' के नाम से फेमस राघवेंद्र कुमार ने अपने सोशल मीडिया पर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'अपनी कार की रफ्तार 100 से ऊपर नहीं ले जाता लेकिन लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक व्यक्ति ने जब मुझे ओवरटेक किया तो मैं दंग रह गया, क्योंकि बिना हेलमेट उसकी रफ्तार हमसे ज्यादा थी। उसे सुरक्षा कवच हेलमेट देने के लिए 100 से ऊपर अपनी गाड़ी को भगाना पड़ा अंत में उसे पकड़ ही लिया।' आपको बता दे, राघवेंद्र कुमार फ्री में लोगों को हेलमेट देते है। लोगों को फ्री में हेलमेट बांटने का अभियान राघवेंद्र ने अपने एक दोस्त को सड़क हादसे में गवां देने के बाद शुरू किया था। राघवेंद्र कुमार सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं। वह ट्विटर पर हेलमेट मैन ऑफ इंडिया यूजरनेम से सक्रिय हैं। उनके ट्विटर पर 5000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वहीं यूट्यूब पर उनके 3000 से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। वह सड़क पर लोगों को रोड सेफ्टी के लिए अक्सर जागरूक करते रहते हैं।
वीडियो में दिख रहा है कि राघवेंद्र ने एक्सप्रेसवे पर हेलमेट ना पहने एक बाइक सवार को रोका। इस शख्स से उन्होंने कहा कि वह उनका काफी देर से पीछा कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने बाइक सवार को हेलमेट गिफ्ट कर दिया।
राघवेंद्र वीडियो में यह कहते हुए भी दिख रहे हैं- मेरी गाड़ी के पीछे एक संदेश लिखा है, 'यमराज ने भेजा है बचाने के लिए...ऊपर जगह नहीं है जाने के लिए'। इस दौरान राघवेंद्र ने बाइक सवार से अनुरोध किया कि हेलमेट जरूर पहनें।
राघवेंद्र ने इस दौरान बाइक सवार से यह भी कि आपके बाल बहुत अच्छे हैं, पर हेलमेट पहनें। यह सुनकर बाइक सवार मुस्कराने लगा। राघवेंद्र ने आगे कहा कि एक्सप्रेसवे 'मौत का एक्सप्रेसवे' है। ऐसे में हेलमेट पहनने में कोताही ना बरतें।
वायरल वीडियो में जिस बाइक सवार को राघवेंद्र ने हेलमेट दिया उनका नाम निखिल तिवारी था। वह इटावा के रहने वाले हैं। वह बाइक से शिकोहाबाद जा रहे थे।
कौन हैं हेलमेट मैन ऑफ इंडियाराघवेंद्र कुमार बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले हैं। गरीब परिवार में जन्मे राघवेंद्र के पिता खेती-किसानी कर घर चलाते हैं। वाराणसी में राघवेंद्र ने पढ़ाई की है और इस दौरान छोटी-मोटी नौकरियां करके अपना खर्च खुद उठाया।
कानून से स्नातक करने के लिए साल 2009 में वह दिल्ली चले गए। यहां उनके कई सारे दोस्त बने। उनका एक दोस्त कृष्ण था, जो काफी पढ़ा लिखा था और अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था।
साल 2014 में ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बाइक का ऐक्सिडेंट होने से उनकी मौत हो गई थी। कृष्ण ने तब हेलमेट नहीं पहना था, जिसकी वजह से उन्हें सिर में गंभीर चोट लगी थी। यही उनकी मौत की वजह भी बनी। इस हादसे ने राघवेंद्र को झकझोरकर रख दिया।
कृष्ण राघवेंद्र के जिगरी दोस्त थे। इस हादसे के बाद दोस्त का परिवार बुरी तरह टूट गया। ये सब देखकर उनका मन बेहद विचलित हुआ और तभी उन्होंने संकल्प लिया कि वह किसी को अपने दोस्त की तरह मरने नहीं देंगे और एक अलग तरह का सड़क सुरक्षा अभियान चलाएंगे। इस अभियान में राघवेंद्र कुमार ने हजारों लोगों को फ्री में हेलमेट दिया है। इसके लिए उन्हें केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी सराहना मिल चुकी है।