लड़कों के कुंवारेपन का कारण बन रहा कचरा, कई सालों से नहीं आई कोई बारात

आजकल के समय में युवाओं की शादी नहीं होना उनके परिवार वालों के लिए बहुत परेशानियां पैदा करता हैं। अगर लड़का नाकारा हो तो बात समझ में आती हैं कि लड़की ऐसे लड़के से शादी करना पसंद नहीं करेगी। लेकिन एक गांव ऐसा हैं जहां के पढ़े-लिखे और अच्छे लड़कों से भी लड़कियां शादी करने को तैयार नहीं हैं। इसका कारण है इस गांव का कचरा। आइये जानते हैं इसके बारे में।

कानपुर के पनकी पड़ाव, जमुई, बदुआपुर सरायमिता गांव में गंदगी का अंबार इतना है कि लोग अपनी बेटियों की शादी इन गांवों के लड़कों के साथ नहीं करना चाहते हैं। इन गांवों में कानपुर नगर निगम का सॉलिड वेस्टेज यहां से सटा हुआ है जिसकी वजह से गांव में गंदगी, दरुगध और बीमारियां फैली रहती हैं। इसके कारण कोई भी अपनी लड़की की शादी इन गांवों में नहीं करना चाहता है।

बदुआपुर के नागरिक ने बताया कि यहां तालाब पाटकर कूड़ा प्लांट बना दिए गए हैं। यहां पर कई टन कूड़ा डम्प है। यहां गर्मियों में कोई नहीं रुकता क्योंकि यहां पर आग अपने आप पकड़ लेती है। यहां के 70 प्रतिशत लोग टीबी और दमा से ग्रसित हैं। बीमारी के कारण लगभग पांच सालों से यहां पर कोई शादी नहीं हो पा रही है। इसी वजह से नौजवानों का पलायन हो रहा है। अगर शादी होती भी है तो टूट जाती है। इसके आस-पास के गांव बनपुरूवा, कलकपुरवा, सुन्दर नगर, स्पात नगर यह सब तीन किलोमीटर के दायरे में हैं। सब लोग प्रदूषण और गंदगी की जद में रहने को मजबूर हैं।

इसी गांव की एक महिला का कहना है, मेरे भतीजे की शादी तय हो गई थी, लेकिन यहां का वातारण देखकर शादी टूट गई। हमारे गांव में कई सालों से कोई शहनाई नहीं बजी है। रिश्ते वाले तो गांव के लड़के देखने के लिए खूब आते हैं, लेकिन जब कूड़ा प्लांट, हवा और बीमारी का पता चलता है तो वापस हो जाते हैं।