आखिर क्यों लॉकडाउन में फंसे फ्रांस के इस परिवार ने ठुकराया प्रशासन का प्रस्ताव

कोरोना के कहर के बीच लंबे समय से लॉकडाउन जारी हैं जो कि 17 मई तक के लिए बढ़ाया गया है। ऐसे में लॉकडाउन की शुरुआत के समय कई लोग अपने घर से दूर फंस गए। इनमें देश में कुछ विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं जो भारत घूमने के लिए आए थे और यहीं फंसे रह गए। हांलाकि सरकार और प्रशासन द्वारा इन्हें सुविधा मुहैया करवाई गई और अपने देश भी भेजा गया। लेकिन फ़्रांस का एक परिवार जो कि यूपी के महराजगंज ज़िले के एक गाँव में फंसा हुआ हैं, उसने प्रशासन की इस सुविधा को लेने से मना कर दिया। आखिर ऐसा क्यों हुआ, आइये जानते हैं इसके बारे में।

फ़्रांस में टॉलोस शहर के रहने वाले पलारेस पैट्रिस अपनी पत्नी वर्जीनी, दो बेटियों और एक बेटे के साथ फ़रवरी से ही भारत घूमने के लिए आए थे। जोकि 21 मार्च को नेपाल जाने वाले थे, लेकिन उसके अगले दिन जनता कर्फ़्यू लगना था। जिसके बाद ये लोग महराजगंज के अंतर्गत आने वाले लक्ष्मीपुर ब्लॉक के कोल्हुआ गांव में एक मंदिर में रुक गए। लेकिन फिर दो दिन बाद लॉकडाउन का ऐलान हो गया और सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील कर दी गईं, जिसके बाद इन लोगों को यहीं रुकना पड़ा।

परिवार की वरिष्ठ महिला वर्जीनी ने बताया कि, “हम पिछले दस महीने से भारत की यात्रा कर रहे हैं, हमें यात्रा काफी पसंद है और लोगों से मिलना भी अच्छा लगता है। लॉकडाउन के कारण हमें यहां रुकना पड़ा है, क्योंकि हम कहीं और नहीं जा सकते थे। हम नेपाल की सरहद खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं।”

वर्जीनी ने कहा कि “ये गांव बहुत अच्छा है, यहां धूप काफी है, लेकिन पेड़ की छांव हमें इससे बचा रही है। मेरे परिवार के साथ यहां के लोगों का व्यवहार काफी अच्छा है। मेरे परिवार के लिए गाँव के एक बुजुर्ग खाना पकाते हैं। गांव के कई लोग हमें दूध, फल-सब्ज़ियां देते हैं, खाना देते हैं। हम अच्छी तरह से रह रहे हैं और बाबा के साथ मिलकर हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना महामारी जल्द ख़त्म हों जाये”