आपने मोहब्बतें फिल्म का अमिताभ बच्चन का वह प्रसिद्द डायलॉग तो सुना ही होगा परम्परा, प्रतिष्ठा और अनुशाशन। ये बातें फिल्म ही नहीं बल्कि आम जिंदगी में भी बड़ी सुनने में आती हैं। क्योंकि इंसानी जीवन मे परम्पराओं और रीति-रिवाजों को ऊंचा दर्जा दिया जाता हैं। ऐसी कई परम्पराएं हैं जो अजीब है और अनहोनी है लेकिन आज भी लोग इन्हें मानते हैं और बड़ी आस्था के साथ पूरी करते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह ऐसी ही प्रथा आज भी प्रचलित है जहाँ ज़िंदा लोगों को दफना दिया जाता है। ये प्रथा क्यूबा फेस्टिवल के नाम से बेहद मशहूर है। ये एक त्यौहार है जहाँ ज़िंदा लोगों को दफना दिया जाता है। इस प्रथा के तहतर यहाँ पर एक इंसान को ताबूत में बंद कर दिया जाता है और उसे सड़क पर घुमाया जाता है। इस त्यौहार को ब्यूरियल ऑफ पचैंचो नाम से भी जानते हैइस त्यौहार को ब्यूरियल ऑफ पचैंचो नाम से भी जानते है जो कि अभी से नही बल्कि पिछले तीस सालों से चला आ रहा है।
इस ताबूत के पीछे दफ़न होने वाले के रिश्तेदार और दोस्तों की भीड़ भी जाती है। इस प्रथा को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है और इसमें पीछे चलने वाले सभी लोग जश्न में डूब कर शराब पीते हुए जाते हैं। इसी के चलते यहाँ एक सफ़ेद बालों वाली महिला उस शख्स की विधवा बनती है और इसी के साथ वो हर वो काम करती है जो एक विधवा को करना होता है।