बीमारी के चलते वॉलमार्ट ने महिला कर्मचारी को हटाया तो लगा 937 करोड़ का हर्जाना

अमेरिका में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं जहां वॉलमार्ट को बीमारी के चलते एक महिला कर्मचारी को नौकरी से हटाना भारी पड़ गया और उसपर 12.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 937 करोड़ रुपये हर्जाना लगाया गया हैं। हटाई गई महिला कर्मचारी डाउन सिंड्रोम से पीड़ित थी। बीते हफ्ते चार दिनों तक चले ट्रायल के बाद इस मामले की सुनवाई कर रही ज्यूरी ने पाया कि वॉलमार्ट को डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त स्पाएथ की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। कंपनी ने कर्मचारी की शारीरिक अक्षमता को देखते हुए उनके साथ भेदभाव किया और उन्हें दोबारा नौकरी पर नहीं रखा। एक संघीय ज्यूरी ने कंपनी को ‘अमेरिकंस विथ डिसेबिलिटीज एक्ट’ के उल्लंघन का दोषी पाया है।

बताया जा रहा है कि मार्लो स्पाएथ वॉलमार्ट के विस्कांसिन स्थित स्टोर में 1999 से कार्यरत थीं और अच्छे कार्य के लिए उनकी कई दफा सराहना भी हुई। लेकिन, नवंबर 2014 में अचानक उनके कार्य घंटों में बदलाव कर दिया गया। शारीरिक अक्षमता के कारण वह नए समय से सामंजस्य नहीं बिठा पाईं। जब वह कुछ दिन अनुपस्थित रहीं, तो कंपनी ने उन्हें जुलाई 2015 में नौकरी से हटा दिया। इसके बाद स्पाएथ की मां, बहन ने वॉलमार्ट के मैनेजरों से मिलकर उन्हें फिर से नौकरी पर रखने और पुरानी शिफ्ट बहाल करने की गुजारिश की, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

स्पाएथ की ओर से वॉलमार्ट पर मुकदमा दर्ज करने वाले समान रोजगार अवसर आयोग (ईईओसी) के वकील ग्रेगरी गोशनॉर के मुताबिक, ज्यूरी कंपनी के बर्ताव से काफी नाराज दिखाई दी। उसका मानना था कि स्पाएथ को गैर जरूरी और गैर कानूनी वजहों से नौकरी गंवानी पड़ी। इसके चलते कंपनी को भारी क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया गया है। उधर, वॉलमार्ट ने हर्जाना राशि तीन लाख डॉलर (2.24 करोड़ रुपये) तक घटाए जाने की उम्मीद जताई है। कंपनी का कहना है कि संघीय कानून के तहत दंडात्मक क्षतिपूर्ति के लिए यह अधिकतम राशि तय की गई है।