नस नहीं मिली तो मौत की सज़ा देने में हुई देरी, जानें इसकी पूरी सच्चाई

न्याय प्रक्रिया के अनुसार जब किसी अपराधी को सजा सुनाई जाती हैं, तो उसके लिए एक नीयत समय तय किया जाता हैं और उसी के अनुरूप उन्हें सजा दी जाती हैं। लेकिन इससे जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं जहां एक शख्स को मौत की सजा देने में सिर्फ इसलिए देरी हुई कि उसकी नस नहीं मिल रही थी। शख्स की नसों में जहरीले इंजेक्शन लगाए जाने थे। लिहाज़ा मौत की सज़ा पूरी होनी में 40 मिनट की देरी हो गई। बता दें कि साल 2005 में 55 वर्षीय स्टीफन बार्बी ने अपनी प्रेगनेंट गर्लफ्रेंड और 7 साल के बेटे की हत्या कर दी थी।

ब्रिटिश अखबार डेली मेल के मुताबिक स्टीफन के हाथ और गले के नस इसलिए आसानी से नहीं मिल रहे थे क्योंकि वो विकलांग था। यानी वो अपनी बाहों का ठीक से नहीं फैला सकता था। आखिरकार उन्हें शाम 7:09 बजे घातक इंजेक्शन की खुराक दी गई और शाम 7:35 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया। बार्बी के वकीलों ने “असहनीय दर्द और पीड़ा” के कारण फांसी पर रोक लगाने का आह्वान किया था, जिसे वो कैदी की बाहों को फैलाकर सामान्य तरीके से झेल सकता था। लेकिन टेक्सास अटॉर्नी जनरल ने इसे अस्वीकार कर दिया।

घातक इंजेक्शन में पेंट्रोबार्बिटल होता है, जिसे छोटी खुराक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन बड़ी डोज़ से लोगों की मौत हो जाती है। बार्बी टेक्सास में इस साल मौत की सजा पाने वाले पांचवें कैदी थे। अब तक, 2022 में पूरे अमेरिका में बार्बी सहित 15 लोगों को घातक इंजेक्शन देकर मार दिया गया है। इस साल अमेरिका द्वारा दी गई फांसी की कुल संख्या पिछले साल के मुकाबले 4 ज्यादा है।