आज के समय में अगर आप थिएटर में कोई फिल्म देखने गए हो और पॉपकॉर्न (Popcorn) नहीं खाए हो तो थिएटर में फिल्म देखने का मजा नहीं मिल पाता हैं. फिल्म देखने के साथ पॉपकॉर्न (Popcorn) खाने का अलग ही मजा हैं. लेकिन या आप जानते हैं कि जिस पॉपकॉर्न (Popcorn) को आप बड़े शौक से खाते हैं उसे प्राचीन समय में आभूषण बनाने और सजावट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. पॉपकॉर्न (Popcorn) की कहानी बेहद ही रोचक हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. तो आइये जानते हैं इसके बारे में.
दुनिया में सबसे पहले अमेरिका के मूल निवासी पॉपकॉर्न (Popcorn) खाया करते थे। हालांकि बाद में वहां रहने वाले यूरोपीय लोगों ने भी इसे खाना शुरू कर दिया था। दुनिया में पहली बार पॉपकॉर्न (Popcorn) भूनने वाली मशीन 134 साल पहले यानी वर्ष 1885 में बनी थी। इस मशीन को अमेरिका के रहने वाले चार्ल्स क्रेटर ने बनाया था। हालांकि उस समय वो मूंगफली भूनने के लिए एक मशीन बना रहे थे, जो आगे चलकर पॉपकॉर्न (Popcorn) भूनने वाली मशीन बन गई।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इतिहासकार एंड्र्यू स्मिथ लिखते हैं कि चार्ल्स क्रेटर और उनके सहायक अपनी पॉपकॉर्न (Popcorn) भूनने की मशीन को वर्ष 1893 के वर्ल्ड फेयर में लेकर गए थे। वहां वह दोनों आवाज लगाकर लोगों को पॉपकॉर्न (Popcorn) चखने के लिए बुलाते थे और मशीन के साथ एक बैग मुफ्त में देने का वादा करते थे। आज चार्ल्स क्रेटर की कंपनी अमेरिका में पॉपकॉर्न भूनने वाली मशीन बनाने की सबसे बड़ी कंपनी है। कहा जाता है कि पॉपकॉर्न (Popcorn) की खोज लगभग 4000 साल पहले न्यू मैक्सिको में हुई थी। तब यह चमगादड़ से भरी एक गुफा में मिला था, लेकिन उस वक्त किसी को यह मालूम नहीं था कि इसे खाया भी जाता है। तब इसे सजाने के काम में लाया जाता था। उस समय इससे सिर और गले के आभूषण बनाए जाते थे।