आखिर क्यों यहाँ के लोग क्रूड ऑयल से नहाना पसंद करते हैं, जानकार आप भी रह जाएंगे हैरान

आपने अपने जीवन में नहाने के कई तरीके देखें होंगे जिसमें पानी की मदद से आप खुद की सफाई करते है। लेकिन क्या आपने कभी तेल से नहाने के बारे में सोचा हैं। जी हाँ, एक ऐसा देश है अजरबेजान जिसके एक शहर में लोग क्रूड ऑयल से नहाना पसंद करते हैं और वो भी पूरे 130 लीटर ऑयल में। लेकिन वे ऐसा क्यों करते हैं आइये आज हम बताते हैं आपको इसके बारे में। यह जानकारी आपको भी हैरान कर देगी।

* क्रूड ऑयल से भरे बाथटब में नहाते हैं मरीज

नाफतलान नाम के इस शहर में एक ऐसा हेल्थ सेंटर है जो लोगों का इलाज क्रूड ऑयल से करता है। इसके लिए बकायदा मरीजों को बाथटब में नहलाया जाता है। यह बाथटब क्रूड ऑयल से पूरी तरह भरा होता है। इस हेल्थ सेंटर में स्किन की बीमारियों के अलावा आर्थराइटिस और नसों के रोगों को दूर करने के लिए लोग आते हैं। यहां क्रूड ऑयल के बाथटब वाले तरीके के अलावा और भी कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें से बाथटब वाला तरीका सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसके लिए 40 डिग्री के तापमान में मरीज करीब 130 लीटर ऑयल में नहाता है।

* 70 से अधिक बीमारियों का इलाज

यहां के एक विशेषज्ञ का कहना है कि इस तरीके से 70 से अधिक बीमारियों का इलाज किया जाता है। यहां इस्तेमाल होने वाला ये तरीके अन्य देशों के लोगों को भी खूब पसंद आ रहा है। अब यहां रूस, कजाकिस्तान, जर्मनी आदि देशों से लोग इलाज के लिए आते हैं। इलाज के बाद लोगों का कहना है कि गर्म तेल में नहाने से उन्हें हड्डियों के जुड़ाव की समस्या से छुटकारा मिला है।

* ज्यादा देर तक नहाने से हो सकती है मौत

यह तरीका लोगों को जितना ज्यादा पसंद आ रहा है, उतना ही ज्यादा खतरनाक भी हो सकता है। लोग इस तेल में ज्यादा समय तक बैठने की इच्छा जाहिर करते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें इजाजत नहीं दी जाती। माना जाता है कि तेल में अनेक प्रकार के केमिकल होने से अगर अधिक समय तक नहाया जाए तो शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इसमें ज्यादा देर तक नहाने से मौत भी हो सकती है।

* दस दिन का होता है कोर्स

इस बाथ का 10 दिन का कोर्स होता है। दिन में 10 मिनट से ज्यादा किसी भी मरीज को क्रूड ऑयल में नहाने नहीं दिया जाता। इसके लिए हर प्रकार की सावधानी बरती जाती है। यहां दुनिया भर के हजारों लोग इलाज करवा चुके हैं। हेल्थ सेंटर के डॉक्टर का कहना है कि उन्हें अभी तक ऐसी कोई खबर नहीं मिली है कि किसी को इलाज के इस तरीके से नुकसान हुआ हो।