आखिर शिमला के सारे बंदर कहां हो गए गायब, कहीं कोरोना तो नहीं कारण!

पूरे देश में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन है ताकि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकें और लोगों को घर में रहना पड़ रहा हैं। लेकिन इसका असर सड़कों पर घूमने वाले जानवरों पर भी पड़ रहा हैं और उनको भोजन की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसका असर देखने को मिला शिमला की सड़कों पर जहां जगह-जगह बन्दर दिखाई देते थे लेकिन अब शहर में बंदर भी कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। कुछ बंदर रेजिडेंशियल इलाकों में उछल-कूद मचाते जरूर दिख रहे हैं, लेकिन ये भी कमजोर और निष्क्रिय नजर आ रहे हैं। शायद ये भूखे भी हैं।

सड़कों पर घूमने वाले कुत्ते हालांकि माल रोड और दूसरी खुली जगहों पर कब्जा करके बैठे हुए हैं लेकिन बंदर पूरी तरह से इलाका छोड़कर जा चुके हैं और शायद वे अपनी तरह के एक आइसोलेशन में चले गए हैं। शिमला के मशहूर जाखू मंदिर में भी बंदर कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस जगह पर बड़ी संख्या में बंदर पाए जाते थे। जाखू मंदिर में 108 फुट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा है। शहर में कर्फ्यू के चलते मंदिर को बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं और लोग दर्शन के लिए यहां नहीं आ रहे हैं। ऐसे में बंदर भी यह जगह छोड़कर चले गए हैं।

लॉकडाउन के ऐलान के बाद से नागरिक अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में बंदरों को खाना नहीं मिल रहा है। इसलिए वे इन जगहों को छोड़कर चले गए हैं। वह कहती हैं, 'अगर बंदर जंगलों में अपने प्राकृतिक ठिकानों पर लौट गए हैं तो यह अच्छी चीज है। वहां उन्हें अभी भी खाना मिल सकता है।' शिमला म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन और दूसरे सघन इलाकों में बंदर एक बड़ी दिक्कत हैं। इन जगहों पर बंदर फसलों और सब्जियों को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। बंदरों के हमलों से परेशान किसानों ने अपनी जमीनें खाली तक छोड़ दी थीं।