मरीज़ों से सिर्फ 2 रुपये (2rs Doctor) लेकर उनका इलाज करने वाले चेन्नई के मशहूर डॉक्टर जयाचंद्रन का देहांत हो गया। डॉ. एस जयाचंद्रन को '2 रु डॉक्टर' (2 rs। Doctor) के साथ-साथ 'मक्कल मारुथुवर' (Makkal Maruthuvar) के नाम से जाना जाता है। उन्हें लंग इंफेक्शन (Lung Infection) था, जिसके चलते वह काफी दिनों से बीमार थे। जयाचंद्रन के बड़े बेटे सरावन जगन ने बताया कि, ‘वह बीते काफी समय से फेफड़ो की समस्या से घिरे हुए थे। ग्रींस रोड़ पर स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां उन्होंने बुधवार सुबह 5:15 पर आखिरी सांस ली। जगन ने बताया, वह हमेशा दूसरों की सेवा करने के लिए कहा करते थे। वह कहते थे कि नॉर्थ चेन्नई के लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जो महंगा इलाज नहीं करा सकते। इसलिए हमें उनकी मदद करनी चाहिए’। दक्षिणी दिल्ली में मौजूद उनके घर पर हज़ारों की भीड़ में लोग उन्हें आखिरी विदाई देने पहुंचे। शुरुआती दिनों में डॉ. जयाचंद्रन (Dr. Jayachandran) अपने मरीज़ों से सिर्फ 25 पैसे लिया करते थे। उन्होंने 1970 में चेन्नई के (Old Washermenpet) से अपने पुराने घर अपने काम की शुरुआत की, बाद में अपने क्लिनिक को कासीमेडु (Kasimedu) में शिफ्ट कर लिया।
यहां जानिए डॉ. जयाचंद्रन से जुड़ी कुछ खास बातें...
- रामचंद्रन का जन्म कांचीपुरम जिले के कोडइपट्टिनम गांव में हुआ था। डां. जयाचंद्रन ने मद्रास मेडिकल कॉलेज (Madras Medical College) से पढ़ाई की और डॉक्टरी की शुरुआत साल 1970 अपने घर से की।
- उन्हें 2008 में नाइटहुड अवार्ड से सम्मानित किया गया था। डॉक्टर एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने 2012 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार ने नवाजा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से उन्हें 2005,2006 और 2009 में डॉक्टर्स डे अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं, 2013 में तमिलनाडु के तत्कालीन गवर्नर के रोसैया ने रामचंद्रन को बेस्ट सोशल सर्विस डॉक्टर अवार्ड से नवाजा था।
- डां. जयाचंद्रन हमेशा से ही चेन्नई के गरीब लोगों की मदद करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने कभी भी उनसे फीस नहीं ली।
- उन्होंने कभी भी डोनेशन नहीं ली, बल्कि पैसे डोनेट करने वालों से हमेशा जरुरत मंदों को दवाइयां दान करने को कहा।