बुधेश्वर महादेव मंदिर जिसका निर्माण हुआ त्रेतायुग में, भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने की इसकी स्थापना

लखनऊ शहर को छोटे काशी के रूप में भी जाना जाता हैं क्योंकि यहाँ पर कई शिव मंदिर स्थित हैं और सावन के दिनों में तो इन मंदिरों में मानो मेला सा लग जाता हैं। इन्हीं मदिरों में एक शिव मंदिर है, जिसे बुद्धेश्वर महादेव Bhuddeshwar Mmahadev Temple के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की ख़ास बात यह है कि यहां शिवजी की पूजा बुधवार को की जाती हैं और इसका विशेष महत्व है। अब ऐसा क्यों किया जाता हैं, आइये जानते है इस मंदिर के बारे में।

लखनऊ Lucknow में मोहान रोड पर स्थित है बुधेश्वर महादेव मंदिर। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर त्रेतायुग में निर्मित है। अर्थात भगवान राम के काल में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने की थी।

भगवान राम के आदेश पर लक्ष्मणजी माता सीता को लेकर बन में छोड़ने जा रहे थे। जब वह इस स्थान पर पहुंचे तो उनके मन में माता सीता की सुरक्षा को लेकर चिंता उठने लगी। ऐसे में उन्होंने इस स्थान पर भगवान शिव का ध्यान किया। भगवान शिव उन पर प्रसन्न हुए और प्रकट होकर उनका संदेह दूर करते हुए उन्हें माता सीता के विराट स्वरूप का दर्शन कराया। जिस दिन यह घटना घटी उस दिन बुधवार था। इसीलिए यहां स्थापित शिवलिंग को बुधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

इस मंदिर के पास ही कुछ दूरी पर एक कुंड स्थित है। इस कुंड को सीता कुंड के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि लक्ष्मण जी जब भगवान शिव की साधना करने बैठे तब माता सीता ने इस कुंड में हाथ-पैर धोकर कुछ समय इसी के किनारे पर बिताया था। तभी से इस यह कुंड सीता कुंड के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर में पूजा करने आनेवाले भक्त शिव दर्शन के बाद कुंड का भी पूजन करते हैं। इस तरह यह कुंड मंदिर से जुड़ी इस पौराणिक घटना को सही साबित करता है।

आमतौर पर शिव मंदिरों में सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। लेकिन बुधेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को शिवजी की पूजा का विधान है। इस दिन इस मंदिर में शिवजी की पूजा के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।