लोगों को पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित करने का इस बैंक ने एक शानदार तरीका निकाला है। यूक्रेन में साल 2015 में खुले मोनो बैंक ने अपने ब्याज दर को पैदल चलने से जोड़ दिया है। इसमें यह शर्त रखा गया है कि रोजाना कम से कम 10,000 कदम पैदल चलना होगा। जो ग्राहक बैंक के मानदंड के मुताबिक पैदल चलने का लक्ष्य पूरा करता है, बैंक उसके बचत खाते में 21 प्रतिशत ब्याज के रूप में राशि प्रदान करता है। लेकिन अगर कोई लगातार तीन दिन तक 10,000 कदम से कम पैदल चलता है तो उसे महज 11 प्रतिशत ही ब्याज मिलता है। आपको यहां बता दें कि इस वक्त बैंक के 50 प्रतिशत ग्राहक 21 प्रतिशत की ब्याज दर प्राप्त कर रहे हैं। बीते तीन सालों में बैंक ने अपने साथ पांच लाख ग्राहकों को जोड़ने में सफलता हासिल की है। लोगों को पैदल चलाने का आइडिया बैंक के तीन सीईओ- डिमा डुबिलेट, मिशा रोगाल्सकी और ओलेग गोरोखोवस्की को आया। दरअसल यूक्रेन में मोटापे की समस्या वाले लोगों की संख्या काफी है। इसमें लगातार बढ़ोतरी भी देखी जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां साल 2030 तक 50 प्रतिशत पुरुष मोटापे का शिकार हो जाएंगे।
लोगों ने इसे चुनौती की तरह लियाबैंक ने यह ब्याज दर इसलिए रखा है कि कोई भी आम इंसान रोजाना 10,000 कदम पैदल नहीं चल सकता। आपको बता दें यूक्रेन की राजधानी कीव में कड़ाके की सर्दी पड़ती है। कई ग्राहक इसलिए खुश हैं कि उन्हें पैदल चलना अच्छा भी लगता है और रोज लक्ष्य को पूरा भी करना होता है।
बचत खाते में 21 प्रतिशत ब्याज नाम दिया 'स्पोर्ट्स डिपॉजिट अकाउंट'मोनो बैंक ने ज्यादा ब्याज वाले बैंक खातों को स्पोर्ट्स डिपॉजिट अकाउंट नाम दिया है। इसके तहत बैंक ग्राहकों को अपने मोबाइल फोन में एक हेल्थ ऐप डाउनलोड करना होता है। यह ऐप ग्राहक के रोज की शारीरिक गतिविधियों की निगरानी करता है। इस ऐप पर जो भी गतिविधियां होती हैं, इसका डेटा बैंक के पास होता है। जो ग्राहक बैंक के मानदंड के मुताबिक पैदल चलने का लक्ष्य पूरा करता है, बैंक उसके बचत खाते में 21 प्रतिशत ब्याज के रूप में राशि प्रदान करता है।
बेईमानी पर घट जाता है ब्याजजो ग्राहक पैदल चलने को लेकर बेईमानी करते हैं बैंक उनको मिलने वाले ब्याज में कटौती कर देता है। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, बैंक की छानबीन में कुछ ऐसे मामले सामने आए जिसमें देखा गया कि लोग पैदल चलने के बजाए ऐप को स्टार्ट कर फोन गाड़ी में रख देते थे। पकड़े जाने पर ऐसे ग्राहकों को बैंक ने सजा देते हुए उनकी ब्याज दर घटा दी।