अक्सर कई ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं और उनकी सत्यता पर सवाल खड़ा कर देती हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला ऑस्ट्रेलिया में जहाँ एक बेटी द्वारा शरीर पर टैटू बनवाना पिता के लिए मुसीबत बन गया क्योंकि मां द्वारा पिता के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह महिला अपने पूर्व पति को अदालत इसलिए ले गई क्योंकि पति ने अपनी सोलह वर्ष की बेटी को अनुमति दे दी थी शरीर पर टैटू करवाने की। बस इतनी सी बात को लेकर ये मामला कोर्ट तक चला गया। ब्रैडली विक्ट्री पर पिक्टन लोकल अदालत में शारीरिक नुकसान पहुंचाने और किसी शख्स को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाने के इरादे से मारपीट करने के आरोप लगाया गया और ये सारे आरोप उनकी पूर्व पत्नी ने लगाए थे।
ब्रैडली की पूर्व पत्नी Nadene Rees ने उनपर ये सारे आरोप लगाए। उन्होंने अपने एक्स पति ब्रैडली पर एक प्राइवेट मुकदमा चलाया। आपको बता दें कि प्राइवेट मुकदमें में ऑस्ट्रेलियाई कोर्टों में दूसरों के विरुद्ध मुकदमा दायर कर सकते हैं, इन मुकदमों में पुलिस अभियोग नहीं लगता है। इस दौरान उनकी बेटी केसी विक्ट्री फिलहाल जो कि 17 वर्ष की हो गई हैं। उन्होंने कोर्ट में अपने पिता का सपोर्ट किया। इस बारें में केसी ने बताया कि इसमें उनके पिता की कोई भूल नहीं है। शरीर पर टैटू करवाना उनकी मर्जी थी। गत वर्ष न्यू ईयर के अवसर पर उन्होंने ये टैटू करवाया। केसी ने अपने शरीर पर ड्रीमकैचर का टैटू बनाया जोकि नेटिव अमेरिकन मूल का है।आपको बता दें कि न्यू साउथ वेल्स प्रदेश के कानून के अनुसार, अठारह वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को माता-पिता या अभिभावक से लिखित अनुमति के बिना टैटू कराना ग़ैरक़ानूनी है। पिता के पक्ष के वकील का बोलना है कि केसी का अपनी मां से गत तीन वर्षों से कोई कांटेक्ट नहीं था। फिलहाल ये मामला सितंबर में फिर से अदालत लाया जाएगा।