पश्चिम बंगाल में एक शिक्षक ने शादी में दहेज ना लेने की शर्त रखी जिसके बाद ससुराल वालों ने दहेज में एक लाख रुपए की एक हजार किताबें तोहफे में दी जिसके बाद शिक्षक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दरअसल,शिक्षक सूर्यकांत बरीक की शादी पूर्वी मिदनापुर की प्रियंका बेज से हुई है। सूर्यकांत का कहना है कि शादी के दिन जब मैं विवाह स्थल पर पहुंचा, तो किताबें देखकर खुशी से चौक गया। पत्नी प्रियंका को भी किताबें पढ़ने का काफी शौक है। जो किताबें दी गईं उनमें सर्वश्रेष्ठ लेखकों का कलेक्शन है। इनमें रबींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चैटर्जी और शरत चंद्र चटोपाध्याय जैसे देश के नामी बंगाली लेखक शामिल हैं। इन्हें कोलकाता कॉलेज स्ट्रीट और उद्बोधन कार्यालय से खरीदा गया है। जो रामकृष्ण मठ की प्रकाशन कंपनी है। दुलहन के परिजन का कहना है कि शादी में शामिल होने वाले मेहमानों से भी गिफ्ट न लाने की अपील की गई थी। उन्हें फूल या किताब को ही बतौर गिफ्ट देने को कहा गया था। सूर्यकांत का कहना है गिफ्ट में इतनी किताबें मिल चुकी हैं कि मैं एक लाइब्रेरी भी खोल सकता हूं। पत्नी ने दहेज को लेकर कही यह बात
पत्नी प्रियंका का कहना है कि मेरे परिवार के सदस्य जानते हैं कि मैं ऐसी शादी में यकीन नहीं रखती हूं, जिसमें दहेज दिया जाए। मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे पति भी दहेज की परंपरा के खिलाफ है। पति की तरह मैं भी किताबों को पढ़ने की शौकीन हूं, इसलिए घरवालों ने किताबों का तोहफा दिया है।