इटली के स्वायत्त द्वीप सिलसिली के पालेर्मो कैपुचिन संग्रहालय में रखी 8 हजार लाशों के साथ ही 1252 से ज्यादा ममी की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसे मृतकों का शहर कहा जाता है। पहले यह जगह कब्रिस्तान थी, जिसे संग्रहालय में बदला गया और शवों को ममी के जरिए सुरक्षित रखा गया। यहां 16वीं सदी में ईसाई भिक्षुओं ने शवों को दफनाने और ममी को रखने का काम शुरू किया गया था। अब आम लोग आकर अज्ञात मृतकों की ममी को देख सकते हैं।
1920 से यहां शवों का रखने का काम बंद कर दिया गया और इसे संग्रहालय में बदल दिया गया। इस विचित्र संग्रहालय को भिक्षु ही चला रहे हैं। इसमें ममी को कब्रो और ताबूत के अंदर विभिन्न अवस्था में देखा जा सकता है। कुछ ममी पूरी तरह सुरक्षित हैं, तो कुछ छिन्न-भिन्न अवस्था में पहुंच गई हैं। कैसे तैयार होती थी ममी
ममी बनाने में 70 दिन का समय लगता था। इसे बनाने के लिए धर्मगुरुओं के साथ-साथ विशेषज्ञ की टीम बनाई जाती थी, जो इस काम को अंजाम देते थे। ममी शब्द प्राचीन मिस्र का नहीं, बल्कि अरबी भाषा के मुमिया से बना है, जिसका मतलब होता है मोम या तारकोल के लेप से सुरक्षित रखी गई चीज है। ममी बनाने का काम मिस्र में बहुत ही धार्मिक श्रद्धा भाव से किया जाता था।