स्कूटर से बेटे ने मां को करवाई 48 हजार किमी की तीर्थ यात्रा, भावुक आनंद महिंद्रा ने किया ये वादा

आज हम आपको मिलाने जा रहे 21वीं सदी के श्रवण कुमार से। जिन्होंने अपनी मां की सेवा के लिए कॉरपोरेट सेक्टर की नौकरी छोड़ दी और पिछले पौने दो साल में वे मां को देश के 18 से ज्यादा राज्यों के तीर्थ स्थानों के दर्शन करा रहे है। कर्नाटक के मैसूरु में रहने वाले दक्षिणमूर्ति कृष्णा कुमार 16 जनवरी-2018 से मातृ सेवा संकल्प यात्रा शुरू की थी। उन्होंने यह सफ़र 20 साल पुरानी बजाज चेतक स्कूटर से शुरू किया। वे 70 साल की मां को स्कूटर पर बिठाकर देश-दुनिया का सफर करा रहे हैं। वे नेपाल और भूटान भी जा चुके हैं। उन्होंने 48 हजार किमी का सफर स्कूटर पर तय कर लिया है। दरअसल, कृष्णा की मां चूड़ारत्ना कर्नाटक के मैसूर में अकेले रह रही थीं और उन्होंने अपने बेटे से कहा कि वह बेलूरहड़वी देखना चाहती हैं। कुमार बताते हैं-'संयुक्त परिवार में मेरे पिता के निधन से पहले मेरी मां किचन में ही व्यस्त रहा करती थीं। मैंने फैसला लिया कि मेरी मां को भी अच्छा समय गुजारने का हक है। इसके बाद मैं पिता की 20 साल पहले गिफ्ट की गई चेतक स्कूटर से मां को लेकर घुमाने के लिए निकल पड़ा।'

कृष्णा कहते हैं कि क्या आपने बोलने वाले भगवान को कहीं देखा है? अगर नहीं तो अपने माता-पिता को ही देख लें। ये ही बोलने वाले भगवान हैं। इन्हें छोड़कर आप कितने भी मंदिर चले जाएं, आपको वह सुख नहीं मिलेगा जो माता-पिता की इच्छा पूरी करने में है। मैं चाहता हूं कि आज हर इंसान अपने माता-पिता से सिर्फ आधा घंटा ही प्यार से बातचीत कर ले तो भी वह दुनिया का सबसे सुखी इंसान होगा।

कृष्णा कुमार की मातृ सेवा से खुद उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी उनके मुरीद हो गए हैं। आनंद महिंद्रा ने बुधवार को उनकी इस अद्भुत यात्रा को ट्वीट के जरिए साझा करते हुए लिखा- 'यह खूबसूरत कहानी है। यह कहानी न सिर्फ मां के प्रेम बल्कि देश के प्रेम की भी है। ट्विटर पर कृष्णा कुमार की कहानी साझा करने के लिए नंदी फाउंडेशन के सीईओ मनोज कुमार से उन्होंने कहा कि अगर आप उनसे संपर्क साध सकें तो मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें महिंद्रा की केयूवी 100 एनएक्सटी कार तोहफे में देना चाहता हूं ताकि वह अपनी मां के साथ अगली यात्रा कार में कर सके।'