पांच साल से सूखे की मार झेल रहा था ये गांव, इस एक काम ने बदल दी 35 हजार लोगों की जिंदगी

केन्या (Kenya) का एक छोटा सा गांव है किउंगा। यह गांव पिछले 5 सालों से सूखे की मार झेल रहा है। केन्या में एक तिहाई लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। घंटों के सफर के बाद जो पानी मिलता था, वह लवणयुक्त होने से लोगों की सेहत खराब हो रही है। इन लोगों की परेशानी को देखते हुए गिलपॉवर ने सोलर ऊर्जा से चलने वाला जलशुद्धिकरण का बड़ा प्लांट समुद्र किनारे स्थापित किया। जिसके बाद इस संयंत्र से लवणयुक्त खारे पानी को पीने योग्य बनाने में सफलता मिल गई। यह संयंत्र एक गैर लाभकारी संगठन गिलपॉवर ने स्थापित किया है। समुद्र किनारे स्थित इस किउंगा गांव की आबादी करीब 35 हजार है।

आपको बता दे, गिलपॉवर, दुनियाभर में ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाला एनजीओ है। इस गैर लाभकारी संस्था ने 17 देशों के स्कूलों, मेडिकल कॉलेजों और गांवों में 2700 से अधिक सूर्य से बिजली बनाने वाले संयंत्र स्थापित किए हैं। गिवपॉवर लगातार उन स्थानों पर सोलर वॉटर फार्म स्थापित कर रही है, जहां लोगों को पीने के पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है।

आपको बता दे, इस क्षेत्र में बिजली भी नहीं है, इसलिए इस सोलर वॉटर प्लांट से 50 किलोवॉट बिजली भी पैदा होती है। साथ ही, 24 घंटे काम करने वाला यह प्लांट दो पम्पों की मदद से रोजाना 75 हजार लीटर पानी को पीने योग्य बनाता है। यहां एक व्यक्ति को पर्याप्त पानी देने का खर्च करीब 1425 रुपए आता है। यह फर्म अगले 20 वर्ष तक इसी दाम पर साफ पानी उपलब्ध कराने में सक्षम है।