Apple अब एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर रहा है, जहां इंसान केवल अपने विचारों के ज़रिए iPhone जैसे डिवाइसेज़ को चला सकेंगे। एक प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, यह क्रांतिकारी तकनीक एलन मस्क की Neuralink से मिलती-जुलती है। इसमें इंसानी मस्तिष्क में इम्प्लांट के ज़रिए डिवाइस को नियंत्रित किया जाएगा। Apple इस दिशा में न्यूयॉर्क स्थित ब्रेन-इंटरफेस टेक कंपनी Synchron के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
क्या है यह डिवाइस?Synchron कंपनी Stentrode नामक एक विशेष डिवाइस पर काम कर रही है। यह उपकरण स्टेंट की तरह मस्तिष्क के समीप की नसों में स्थापित किया जाता है और मस्तिष्क से उत्पन्न संकेतों को पढ़कर उन्हें डिजिटल कमांड्स में परिवर्तित कर देता है। इससे उपयोगकर्ता मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि को बिना हाथ लगाए भी नियंत्रित कर सकते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है जो रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट, ALS या स्ट्रोक जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं और शारीरिक रूप से असमर्थ हैं।
कैसे करता है यह सिस्टम काम?इस उन्नत तकनीक को Brain-Computer Interface (BCI) कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति कुछ सोचता है, तो उसका मस्तिष्क विद्युत संकेत पैदा करता है। BCI इन संकेतों को सेंसर की मदद से पकड़कर डिजिटल कमांड में तब्दील करता है। इससे यूज़र टाइप कर सकते हैं, ऐप्स खोल सकते हैं या कर्सर को स्क्रीन पर बिना छुए नियंत्रित कर सकते हैं।
Synchron का Stentrode, Apple के Switch Control फीचर के साथ इंटीग्रेट होता है। यह फीचर यूज़र्स को डिवाइस को विभिन्न तरीकों से ऑपरेट करने की आज़ादी देता है। Synchron के CEO टॉम ऑक्सले के अनुसार, अब तक कंपनियों को कंप्यूटर को यह भ्रम देना पड़ता था कि मस्तिष्क से प्राप्त संकेत माउस जैसे किसी इनपुट डिवाइस के हैं। लेकिन Apple का नया मानक, जिसे इसी वर्ष लॉन्च किया जा सकता है, सीधे ब्रेन इम्प्लांट से डिवाइस कनेक्ट करने में सक्षम होगा।
एक यूज़र की असली कहानीALS बीमारी से जूझ रहे मार्क जैक्सन नामक एक व्यक्ति पहले से Synchron के डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं। वह Apple के Vision Pro हेडसेट और iPhone को अपने मस्तिष्क से नियंत्रित कर सकते हैं। चलने-फिरने में अक्षम होने के बावजूद उन्होंने WSJ को बताया कि जब वे स्विस आल्प्स की वर्चुअल यात्रा कर रहे थे, तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे वो सचमुच पहाड़ के किनारे खड़े हों और उनके पैर थरथराने लगे हों।
Neuralink से टक्कर
एलन मस्क की कंपनी Neuralink ने पहले ही अपने ब्रेन-इम्प्लांट डिवाइस N1 का मानव परीक्षण कर लिया है। तकनीकी दृष्टि से Neuralink का सिस्टम Synchron से अधिक एडवांस है। जहां Synchron के डिवाइस में 16 इलेक्ट्रोड्स हैं, वहीं Neuralink 1,000 से अधिक इलेक्ट्रोड्स का इस्तेमाल करता है। मस्क का मानना है कि यह तकनीक मानव मस्तिष्क की शक्ति को इतना बढ़ा सकती है कि वह सुपरइंटेलिजेंस के स्तर तक पहुंच जाए।
भविष्य की तस्वीरमॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 1.5 लाख लोग जिनके ऊपरी अंग काम नहीं करते, वे इस तकनीक के प्रारंभिक उपयोगकर्ता हो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि यह तकनीक वर्ष 2030 तक वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध हो सकती है। हालांकि, Synchron के CEO का मानना है कि यह उपलब्धता इससे पहले भी संभव है। यह तकनीक न केवल टेक्नोलॉजी की दुनिया में बदलाव ला सकती है, बल्कि लाखों लोगों की ज़िंदगी को भी एक नया दृष्टिकोण दे सकती है।