
आजकल डिजिटल लेन-देन के बढ़ते चलन के साथ फर्जी पेमेंट ऐप्स की संख्या भी तेज़ी से बढ़ी है। ये ऐप्स असली भुगतान एप्लिकेशन की हूबहू नकल होती हैं — उनके रंग, डिज़ाइन, इंटरफेस और यहां तक कि भुगतान प्रक्रिया को भी पूरी तरह कॉपी कर लेती हैं, जिससे पहली नजर में पहचानना बेहद मुश्किल हो जाता है।
इतना ही नहीं, ये नकली ऐप्स ट्रांज़ैक्शन नोटिफिकेशन जैसी आवाजें (बीप या चाइम) भी निकाल सकती हैं ताकि ऐसा लगे कि भुगतान हो चुका है। ये ऐप्स नकली भुगतान रसीद और ट्रांज़ैक्शन डिटेल भी दिखा सकते हैं, जो दिखने में पूरी तरह असली जैसी लगती है।
कैसे पहचानें और बचें फर्जी पेमेंट ऐप्स से?साइबर ठग इन ऐप्स के ज़रिए दुकानदारों या आम लोगों को यह यकीन दिला देते हैं कि उन्होंने भुगतान कर दिया है, जबकि असल में सिर्फ नकली ऐप के ज़रिए भुगतान प्रक्रिया का एक नाटकीय रूप दिखाया गया होता है।
बचाव के कुछ ज़रूरी उपाय:
1. लेन-देन का इतिहास जांचें:स्क्रीनशॉट या नोटिफिकेशन पर भरोसा न करें। हमेशा अपने बैंक खाते या असली पेमेंट ऐप में जाकर ट्रांज़ैक्शन चेक करें।
2. जानकारी में गड़बड़:फर्जी ऐप्स में अक्सर ट्रांज़ैक्शन आईडी या भुगतान विवरण में हल्की-फुल्की गलतियाँ होती हैं। सतर्क नजर से ये पकड़ी जा सकती हैं।
3. जल्दबाज़ी का दबाव:अगर कोई व्यक्ति आप पर जल्दी ट्रांज़ैक्शन पूरा करने का दबाव बना रहा है, तो सावधान हो जाएं। ऐसे समय में धोखा होने की संभावना अधिक रहती है।
4. अज्ञात ऐप्स से बचें:केवल उन्हीं पेमेंट ऐप्स का उपयोग करें जिन्हें आप अच्छी तरह जानते हैं और जो आपके क्षेत्र में प्रचलित हैं। अगर कोई अजीब ऐप से भुगतान करने की बात करे, तो जांच पड़ताल ज़रूर करें।
दुकानदारों के लिए विशेष सावधानियाँफर्जी पेमेंट ऐप्स से सबसे अधिक नुकसान छोटे व्यापारियों को होता है। व्यस्त समय में जब ग्राहक अधिक होते हैं, ठग इस अफरातफरी का फायदा उठाकर फर्जी भुगतान दिखाकर सामान या सेवाएं ले जाते हैं।
दुकानदार क्या करें?
1. स्टाफ को प्रशिक्षित करें:अपने कर्मचारियों को इस तरह के स्कैम्स के बारे में जागरूक करें और उन्हें सिखाएं कि असली और नकली भुगतान में कैसे अंतर किया जाए।
2. पेमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया बनाएं:सामान देने से पहले भुगतान की पुष्टि करें। जैसे – स्मार्ट स्पीकर से मिले ऑडियो कन्फर्मेशन का इंतज़ार करें, ट्रांज़ैक्शन आईडी मिलाएं, या अपने पेमेंट प्रोसेसर से पुष्टि करें। नकली ऐप्स इन स्पीकर्स को सक्रिय नहीं कर सकते।
3. संदिग्ध ऐप्स की रिपोर्ट करें:अगर आपको कोई फर्जी ऐप का संदेह हो, तो तुरंत संबंधित अथॉरिटी और पेमेंट प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें।
PhonePe का फर्जी ऐप्स के खिलाफ कदमPhonePe ने अपने ब्रांड के नाम पर चल रहे फर्जी ऐप्स और चैनलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 'जॉन डो' आदेश हासिल किया है, ताकि इनके ट्रेडमार्क का दुरुपयोग रोका जा सके। अदालत ने आदेश दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर अगर PhonePe की शिकायत पर कोई फर्जी ऐप से जुड़ा कंटेंट मिले तो उसे तुरंत हटाया जाए।
अगर आप PhonePe के ज़रिए किसी स्कैम का शिकार हुए हैं, तो इन माध्यमों से तुरंत शिकायत दर्ज करें:
• PhonePe ऐप पर रिपोर्ट करें
• कस्टमर केयर नंबर: 080–68727374 / 022–68727374
• PhonePe के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर संपर्क करें
इसके अलावा, आप निकटतम साइबर क्राइम सेल में शिकायत कर सकते हैं या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। साथ ही, आप साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर भी कॉल कर सकते हैं।