पूर्व अभिनेत्री और किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कल्कि धाम पहुँचीं, जहाँ उन्होंने श्रद्धापूर्वक शिला दान किया। वहां पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम से भेंट की। दोनों के बीच लगभग 15 मिनट तक गहन बातचीत हुई। इस दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें कल्कि धाम के निर्माण की योजना और वहां आयोजित होने वाले महोत्सव की विस्तार से जानकारी दी।
संभल के ऐचौड़ा कंबोह में स्थित श्री कल्कि धाम में रविवार को मासिक संकीर्तन के साथ-साथ शिला दान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व अभिनेत्री एवं किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी की उपस्थिति ने सबका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने वहां लगभग आधे घंटे तक एकांत में बैठकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर यज्ञ, सत्संग एवं भंडारे का भी आयोजन किया गया। लोगों को ममता कुलकर्णी का नया साध्वी स्वरूप देखकर अचंभा हुआ।
आध्यात्मिक भावना से ओतप्रोत नजर आईं ममता कुलकर्णी
शिला दान और पूजन कार्यक्रम में भाग लेती ममता कुलकर्णी पूरी तरह धर्म और भक्ति में रमी हुई दिखाई दीं। आचार्य प्रमोद कृष्णम उनके साथ पूरे समय उपस्थित रहे। ममता ने इस अवसर पर कहा कि उनका मानना है कि भगवान सभी को धरती पर किसी विशेष उद्देश्य के साथ भेजते हैं और उनका जन्म भी ऐसे ही पुण्य कार्यों के लिए हुआ है। कल्कि धाम पहुँचकर उन्हें विशेष ऊर्जा और आत्मिक संतोष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जगत जननी ने उन्हें इस कार्य के लिए ही भेजा है।
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर ममता कुलकर्णी ने दी प्रतिक्रिया
ममता कुलकर्णी ने बताया कि उनके गोत्र में भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। उन्होंने कहा कि जिस दिन धर्म का नाश होगा, उसी दिन भगवान कल्कि का अवतार होगा। भगवान परशुराम, कल्कि के गुरु के रूप में उन्हें शस्त्र विद्या की शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने आचार्य प्रमोद कृष्णम् के संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर साक्षात महाकाल की कृपा है। ममता ने कहा कि कुंभ में ग्रहों का महामिलन हुआ था और किन्नर अखाड़ा मां भगवती की प्रेरणा से ही उनके महामंडलेश्वर बनने का माध्यम बना।