राहुल गांधी की शादी पर टिप्पणी से डोटासरा नाराज़, बोले—यह सुमित गोदारा की सोच और संस्कारों को उजागर करता है

राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच राहुल गांधी की शादी को लेकर दिए गए बयान पर राजस्थान की सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्री सुमित गोदारा पर तीखा हमला बोला है। दोनों नेताओं ने मंत्री की भाषा और सोच पर सवाल खड़े करते हुए इसे उनकी मानसिकता और संस्कारों से जोड़ दिया है।

डोटासरा का हमला: बयान नहीं, सोच उजागर होती है


राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सत्ता में बैठे मंत्रियों की जुबान जिस स्तर तक गिर चुकी है, वह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मंत्री सुमित गोदारा द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा उनके संस्कार और वैचारिक पृष्ठभूमि को उजागर करती है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि ऐसी टिप्पणियां आरएसएस की पाठशाला में सिखाई जाती हैं, जहां व्यक्तिगत जीवन पर हमला करना राजनीतिक हथियार माना जाता है।

“विजन के बजाय विवाद”—डोटासरा का तंज

डोटासरा ने आगे सवाल उठाया कि आखिर किसी नेता को यह हक किसने दिया कि वह किसी के निजी जीवन पर सार्वजनिक टिप्पणी करे। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के पास विकास का कोई ठोस रोडमैप नहीं है, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना और अनर्गल बयान दिए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुद्दों पर बात करने के बजाय भाजपा के मंत्री निजी टिप्पणियों के सहारे सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।

खाचरियावास की दो टूक: मर्यादा में रहना जरूरी

इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सुमित गोदारा जैसे मंत्रियों को अपनी भाषा और आचरण पर शर्म आनी चाहिए। खाचरियावास ने कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति की एक मर्यादा होती है और नेताओं को उसी दायरे में रहकर बोलना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो लोग फालतू और ओछी बातें करते हैं, उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

“ओछा बोलोगे तो ओछा सुनोगे”

खाचरियावास ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि अगर भाषा का स्तर गिराया जाएगा, तो जवाब भी उसी अंदाज में मिलेगा। उन्होंने साफ कहा, “ओछा बोलोगे तो ओछा सुनोगे।” कांग्रेस नेता ने जोर देते हुए कहा कि निजी जीवन पर टिप्पणी राजनीति की कमजोरी को दर्शाती है, ताकत को नहीं।

सगाई से शुरू हुआ विवाद

दरअसल, यह पूरा विवाद प्रियंका गांधी के बेटे रेहान वाड्रा और अवीवा बेग की सगाई से जुड़े सवाल के बाद शुरू हुआ। मंगलवार को जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में जनसुनवाई के दौरान मंत्री सुमित गोदारा से पत्रकारों ने इस सगाई को लेकर सवाल किया था।

“राहुल गांधी भी शादी करें”—मंत्री का बयान

पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री सुमित गोदारा ने कहा था कि सगाई होना अच्छी बात है और शादी भी होनी चाहिए। इसी दौरान उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी को भी शादी करनी चाहिए। मंत्री ने यहां तक कह दिया कि शादी के बाद राहुल गांधी सही रास्ते पर चलेंगे, क्योंकि अभी वे सही दिशा में नहीं चल रहे हैं। इसी बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने इसे व्यक्तिगत टिप्पणी बताते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया और सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई।