राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर चल रहा किसानों का विरोध बुधवार को अचानक हिंसा में बदल गया। टिब्बी क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने लड़खड़ाते हालातों के बीच निर्माणाधीन फैक्ट्री में आग लगा दी। इसके साथ ही किसानों ने 10 से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। कई स्थानों पर जेसीबी मशीनों और कारों को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। तनाव के बीच यह भी जानकारी मिली कि विधायक अभिमन्यु पूनिया को हल्की चोटें आई हैं।
टिब्बी में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर ग्रामीण और किसान काफी समय से विरोध जता रहे थे। बुधवार को इसी मुद्दे पर एक बड़ी महापंचायत बुलायी गई थी। इस महापंचायत के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। लगभग 700 पुलिसकर्मियों, कई थाना प्रभारियों और चार मजिस्ट्रेटों को इलाके में तैनात किया गया था ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
महापंचायत के कारण टिब्बी कस्बे का आधा बाजार बंद रहा। एहतियातन प्रशासन ने मंगलवार रात से ही इलाके में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं। साथ ही 18 नवंबर से टिब्बी क्षेत्र में धारा 163 लागू है।
महापंचायत के बाद उफना गुस्सा, फैक्ट्री पर चढ़ा आग का पहाड़महापंचायत में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए थे। चर्चा विफल होने और प्रशासन से सहमति न बनने के बाद भीड़ फैक्ट्री की ओर बढ़ने लगी। इसी दौरान माहौल अचानक गर्म हो गया और प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे। देखते ही देखते करीब 10 वाहनों को आग लगा दी गई। कई जेसीबी मशीनों और अन्य गाड़ियों में भी जमकर तोड़फोड़ हुई। निर्माणाधीन एथेनॉल प्लांट भी आग की लपटों में घिर गया।
हिंसक भिड़ंत में कई घायल, पुलिस-प्रदर्शनकारी आमने-सामनेइस हिंसक झड़प में कई लोग घायल हो गए। विधायक अभिमन्यु पूनिया को भी मामूली चोट लगी, जिन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया। दूसरी ओर, हालात नियंत्रण से बाहर जाते देख पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया और भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। कुछ जगहों पर पुलिस ने हवा में रबर बुलेट भी चलाईं। शाम तक किसान और पुलिस आमने-सामने डटे रहे, जिससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी रही।
भारी पुलिस बल तैनात, बातचीत की कोशिशें जारीराठीखेड़ा क्षेत्र में हालात काबू करने के लिए आसपास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। प्रशासन किसानों को शांत करने और बातचीत से समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री से क्षेत्र में भारी प्रदूषण फैलेगा और खेती पर बुरा असर पड़ेगा।
वहीं जिला प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि एथेनॉल उत्पादन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन मॉनिटरिंग प्रणाली से नियंत्रित होगी, जिससे कोई पर्यावरणीय नुकसान नहीं होगा। साथ ही इलाके में नए रोजगार अवसर भी बढ़ेंगे।