
जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले पंचायत और नगर निकाय चुनाव के साथ-साथ अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव भजनलाल सरकार के लिए एक बार फिर चुनावी कसौटी साबित होंगे। ये चुनाव केवल प्रतिनिधियों के चयन तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि प्रदेश सरकार के डेढ़ साल के शासन पर जनता की राय भी सामने लाएंगे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने एक-दूसरे पर हमला बोलते हुए अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं।
अंता सीट का उपचुनाव: क्यों है खास?
बारां जिले की अंता विधानसभा सीट विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद रिक्त हो गई। उन्हें एक पुराने आपराधिक मामले में दोषी करार दिया गया था। विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की, और संविधान के प्रावधानों के अनुसार 6 माह में उपचुनाव कराना अनिवार्य हो गया है।
यह पहला मौका है जब हाड़ौती क्षेत्र में किसी विधायक के अयोग्य ठहराए जाने पर उपचुनाव हो रहा है।
पिछले चार चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दो-दो बार जीत हासिल कर चुकी है, जिससे यह सीट हाई-वोल्टेज मुकाबले की ओर इशारा करती है।
उपचुनाव में अब तक भाजपा आगेभाजपा की सरकार बनने के बाद हुए 9 उपचुनावों में से 5 पर भाजपा, 2 पर कांग्रेस और 2 पर भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने जीत दर्ज की। हालांकि श्रीकरणपुर और बागीदौरा जैसे हालिया उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
पंचायत और निकाय चुनाव भी होंगे रिपोर्ट कार्डराज्य में वन स्टेट, वन इलेक्शन के तहत नवंबर-दिसंबर में पंचायत और नगर निकाय चुनाव भी संभावित हैं। ये चुनाव भी भजनलाल सरकार के परफॉर्मेंस का सेमीफाइनल कहे जा रहे हैं। भाजपा ने पहले से ही गांव और वार्ड स्तर पर संगठन मजबूत करने के लिए जमीनी अभियान शुरू कर दिया है।
क्या बोले भाजपा और कांग्रेस नेता?मदन राठौड़ (प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा): डबल इंजन सरकार ने जो काम किया है, उससे जनता का विश्वास भाजपा में है। अंता सीट पर फिर जीत हमारी होगी।
टीकाराम जूली (नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस): डेढ़ साल में सरकार पूरी तरह फेल रही है। जनता को अब तक पानी, बिजली, रोजगार जैसी बुनियादी चीजें नहीं मिल रही हैं। अंता में कांग्रेस मजबूती से लड़ेगी और जीत दर्ज करेगी।
नवंबर-दिसंबर में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव न केवल भजनलाल सरकार की राजनीतिक पकड़ की परीक्षा होंगे, बल्कि विपक्ष को भी अपनी वापसी की संभावनाएं टटोलने का मौका देंगे। सभी की निगाहें अब निर्वाचन आयोग द्वारा तिथि घोषित किए जाने पर टिकी हैं।