
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजरी माफिया, SI भर्ती समेत कई अहम मुद्दों पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जोधपुर में बजरी माफिया के हमले में एक कॉन्स्टेबल की मौत को लेकर उन्होंने कहा कि बजरी माफिया इतना सशक्त हो गया है कि सरकार कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है। गहलोत ने आरोप लगाया कि सरकार में हिम्मत ही नहीं बची कि वे बजरी माफियाओं पर लगाम लगा सकें, जिसका मतलब साफ है कि बजरी माफिया और सरकार के बीच मिलीभगत है।
जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा कि बजरी की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल के दौरान भी इस पर रोक लगाने की कोशिश की गई थी और इसमें कोई संदेह नहीं कि वे पूरी ईमानदारी से प्रयासरत थे। पर आज जब वे देखते हैं तो यह साफ होता है कि जो भी प्रयास किए जाते हैं, उनके पीछे सरकार की मिलीभगत जरूर होती है।
अशोक गहलोत अब ‘अशोक सर’ कहलाने लगे हैं, उन्होंने कहा कि राजस्थान में लोग मुझे ‘अशोक गहलोत’ के बजाय ‘अशोक सर’ कहने लगे हैं। हाल ही में जब वे जोधपुर गए तो बच्चे उनके साथ दौड़ते हुए ‘अशोक सर’ कहने लगे। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खुला है, जहां पढ़ने वाले बच्चे उन्हें अब ‘अशोक सर’ के नाम से जानते हैं। यह बदलाव एक बड़ी बात है।
महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के विषय में गहलोत ने कहा कि इस मामले में सरकार की पोल खुल चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने की कोशिश की, स्टाफ की संख्या घटा दी और लगभग एक हजार स्कूल बंद करने की योजना थी, लेकिन सरकार की यह योजना सफल नहीं हो पाई।
SI भर्ती को लेकर गहलोत ने कहा कि जो भी फैसला करना है, तुरंत करें और भर्ती प्रक्रिया को अधर में लटकाए नहीं रखें। उन्होंने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, अगर कहीं पेपर लीक या अन्य किसी प्रकार की गड़बड़ी हुई है तो जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। दोषियों को जेल भी जाना चाहिए। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, बस काम हो और भर्ती लंबित न रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अब सिंदूर बांटने की बात करते हैं, वे वे ही लोग हैं जिन्होंने पहले गणेशजी को दूध पिलाया था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सिर्फ एक बार दूध पिलाने से काम चल जाएगा? नियमित रूप से पूजा और कामकाज में लगाव जरूरी है। गहलोत ने कहा कि पहले लोग घरों से निकलकर दूध देने लगे थे, लेकिन अब केवल जुमलों से काम चलाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार और बीजेपी का जनाधार धीरे-धीरे गिर रहा है।