जन्म लेते ही मां की ममता से वंचित हुआ नवजात शिशु, जबलपुर में कोरोना ने ली गर्भवती महिला की जान

मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने जिंदगी छीन ली—इस बार एक मां की, जो अपने नवजात को दुनिया में लाने के कुछ ही घंटों बाद दुनिया को अलविदा कह गई। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 27 वर्षीय गर्भवती महिला की डिलीवरी के तुरंत बाद मौत हो गई। महिला कोरोना संक्रमित थी, और इसी संक्रमण के चलते उसे बचाया नहीं जा सका।

नारायणगंज की महिला थी भर्ती

बताया जा रहा है कि मृत महिला मंडला जिले के नारायणगंज की रहने वाली थी। उसे डिलीवरी के लिए शुक्रवार को जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। महिला को पहले से सर्दी और खांसी की शिकायत थी, जिस पर डॉक्टरों ने सतर्कता बरतते हुए उसका कोविड टेस्ट कराया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे आइसोलेशन में रखा गया। शनिवार को ऑपरेशन के जरिए उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।

डिलीवरी के बाद बिगड़ी हालत


डिलीवरी के बाद महिला की हालत अचानक बिगड़ने लगी और उसे मेडिसिन वार्ड में शिफ्ट किया गया। हालांकि डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद रविवार देर रात उसकी मृत्यु हो गई। नवजात फिलहाल मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में डॉक्टरों की निगरानी में है।

प्रदेश में कोरोना की स्थिति

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना के 200 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 134 एक्टिव केस हैं और 62 लोग रिकवर होकर घर लौट चुके हैं। यह इस सीजन की चौथी मौत है। राज्य में पहली मौत 27 अप्रैल को इंदौर में, दूसरी 6 जून को खरगोन में, और तीसरी 11 जून को रतलाम की एक महिला की हुई थी। तीनों ही महिलाओं को पहले से गंभीर बीमारियाँ थीं।

प्रशासन की सतर्कता पर सवाल

इस बार प्रशासन की ओर से महामारी की जानकारी देने में ढिलाई देखने को मिल रही है। पहले जहां IDSP (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) द्वारा जिलेवार रिपोर्ट जारी की जाती थी, अब वह नहीं की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जानकारी छिपाने से लोगों की जागरूकता और सतर्कता में कमी आ सकती है।

स्वास्थ्य अधिकारियों की अपील


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने जानकारी दी कि इस सीजन में जबलपुर में कोविड की यह पहली मौत है। उन्होंने बताया कि अब तक जबलपुर में तीन मरीज पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से दो पास के शहरों से और एक कटनी से आए हैं। फिलहाल एक 70 वर्षीय बुजुर्ग का इलाज चल रहा है, जबकि बाकी मरीज रिकवर हो चुके हैं।