
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की आईपीएल 2025 जीत के जश्न से पहले मची भगदड़ ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। इस हादसे में कई लोगों की मौत और कई अन्य घायल हुए, जिसके बाद बीजेपी और जेडीएस ने कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं।
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया ‘आपराधिक लापरवाही’ का आरोपकर्नाटक बीजेपी ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर कांग्रेस सरकार को हादसे का पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी का कहना है कि न तो प्रशासन ने भीड़ का अनुमान लगाया, न सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए, और न ही आपात स्थिति से निपटने की कोई योजना थी।
बीजेपी ने पोस्ट में लिखा, “7 लोग मारे गए, कई जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं — वजह है कांग्रेस सरकार की लापरवाही। न कोई भीड़ नियंत्रण, न बुनियादी सुविधाएं, सिर्फ अराजकता। जब लोग दम तोड़ रहे थे, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार क्रिकेटरों के साथ रील्स और फोटोशूट में व्यस्त थे। शर्मनाक है ये ‘फोटो-ऑप’ कांग्रेस सरकार। ये सिर्फ लापरवाही नहीं, आपराधिक लापरवाही है। कांग्रेस के हाथ निर्दोषों के खून से सने हैं।”
कुमारस्वामी ने भी जताया दुख, कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदारपूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने भी हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को पूरी तरह से असफल बताया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा: “RCB की जीत से पहले ही लोगों की मौत बेहद दुखद और स्तब्ध कर देने वाली है। इस त्रासदी की मुख्य वजह है पूरी तरह से तैयारियों की कमी और एहतियाती उपायों का अभाव। कांग्रेस सरकार को इस आपदा की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा मिलनी चाहिए और मृतकों के परिवारों तक तुरंत मुआवजा और सहायता पहुंचाई जाए।”
कुमारस्वामी ने यह भी मांग की कि स्टेडियम और विधान सौधा के पास जमा फैंस को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए आपात व्यवस्था तुरंत लागू की जाए।
‘जवाबदेही तय होनी चाहिए’: अमित मालवीयबीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा: “बेंगलुरु में भगदड़ की दुखद घटना — जश्न का माहौल भयावह दुःस्वप्न में बदल गया। कर्नाटक सरकार द्वारा आरसीबी की जीत के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की विफलता के कारण 7 लोगों की जान गई, 16 घायल हुए, जिनमें कई की हालत गंभीर है। ये घटना रोकी जा सकती थी। सरकार की प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह त्रासदी हुई है। जवाबदेही तय होनी चाहिए, यह मौतें संयोग नहीं, लापरवाही का परिणाम हैं।”