
बेंगलुरु पुलिस ने एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून को हुई भगदड़ को लेकर दर्ज एफआईआर में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को मुख्य आरोपी नामित किया है। एफआईआर में कहा गया है कि यह घटना आयोजकों की लापरवाही और भीड़ प्रबंधन की विफलता के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप 11 लोगों की मौत हो गई और 64 लोग घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
एफआईआर के अनुसार, RCB की जीत के बाद 3 जून को ही पूर्वी चिन्नास्वामी स्टैंड, एम.जी. रोड और विट्ठल माल्या रोड पर भारी भीड़ जमा होने लगी थी। इसे देखते हुए उच्च स्तरीय समन्वय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पुलिस आयुक्त, डीसीपी, एसीपी ट्रैफिक और अन्य अधिकारी मौजूद थे। भीड़ नियंत्रण और यातायात के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे।
हालांकि 4 जून को शाम 4 बजे से 5:30 बजे के बीच आयोजन स्थल पर उमड़ी भारी भीड़ आयोजकों के नियंत्रण से बाहर हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोजकों ने पर्याप्त बैरिकेडिंग या इनसाइड-आउटसाइड सुरक्षा प्रबंध नहीं किए, जिससे कई गेटों पर भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई।
एफआईआर क्यूबन पार्क थाना निरीक्षक गिरीश ए.के. ने 5 जून सुबह 11:15 बजे दर्ज करवाई। उन्होंने आयोजकों पर सार्वजनिक सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने और चेतावनियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
—धारा 105: हत्या न होने वाली गैर इरादतन मानव वध
—धारा 125: ऐसे कार्य जो मानव जीवन या सुरक्षा को खतरे में डालते हैं
—धारा 118(1)(2): गंभीर चोट या हथियार से नुकसान पहुंचाना
—धारा 190: अवैध जमावड़े के सदस्य द्वारा किए गए अपराध के लिए सामूहिक उत्तरदायित्व
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है और विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की घोषणा की गई है।
सूत्रों के अनुसार, बेंगलुरु पुलिस ने सरकार को यह समारोह रविवार को आयोजित करने की सलाह दी थी ताकि पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम किए जा सकें, लेकिन सरकार ने इसे अगले ही दिन आयोजित कराया, जिससे हालात और बिगड़े।