
एक और हवाई सफर उस वक्त परेशानी में आ गया जब लंदन जा रहा एक विमान तकनीकी या परिचालन संबंधी वजहों से बीच रास्ते से ही लौट आया। यह घटना रविवार को हुई, जब चेन्नई हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले विमान ने करीब 209 यात्रियों के साथ उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही वापसी कर ली। यह खबर सामने आते ही यात्रियों के परिजनों और यात्रियों के बीच बेचैनी फैल गई। चेन्नई एयरपोर्ट अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और बताया कि फिलहाल यात्रियों के लिए वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें सुरक्षित और जल्द से जल्द गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया था निर्णयअधिकारियों के मुताबिक, उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद तकनीकी टीम को किसी गड़बड़ी का अंदेशा हुआ, जिसके बाद ऐहतियातन पायलट ने विमान को वापस लाने का फैसला किया। यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुरंत लिया गया। हालांकि किसी को भी चोट नहीं आई, लेकिन कुछ यात्रियों ने बताया कि अचानक विमान के वापस मुड़ने से उनमें घबराहट फैल गई थी।
इंडिगो फ्लाइट में भी आया था संकट का पलगौर करने वाली बात यह है कि यह अकेला मामला नहीं है। कुछ ही दिन पहले, गुवाहाटी से चेन्नई जा रही इंडिगो की फ्लाइट को भी एक आपात स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस फ्लाइट में 168 यात्री सवार थे, और उसे बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी थी। पायलट ने 'MAYDAY' सिग्नल भेजा था, जो सबसे गंभीर चेतावनी मानी जाती है। यह सब उस वक्त हुआ जब विमान में ईंधन की कमी हो गई थी।
शाम 4:40 पर भरी थी उड़ान, लैंडिंग के दौरान आई दिक्कतइंडिगो की फ्लाइट 6E-6764 (A321) ने शनिवार शाम 4:40 बजे गुवाहाटी से उड़ान भरी थी। इसका निर्धारित समय चेन्नई में शाम 7:45 बजे लैंड करने का था। लेकिन लैंडिंग गियर रनवे को छूने के बाद, 'बाल्क्ड लैंडिंग' यानी जब पायलट को लगता है कि लैंडिंग पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगी, तो उसे रोककर 'गो अराउंड' किया गया।
MAYDAY सिग्नल ने बढ़ा दी थी धड़कनेंसूत्रों के अनुसार, विमान जब बेंगलुरु एयरपोर्ट से लगभग 35 मील दूर था, तभी कप्तान ने 'MAYDAY' कॉल किया। नाम न छापने की शर्त पर एक यात्री ने बताया, “अचानक तेज चढ़ान और विमान का रुख बदलना इतना अप्रत्याशित था कि कई यात्री अपनी सीटों से खिसकते नजर आए। कुछ लोगों की सांसें थम सी गई थीं, डर उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था।”
इन घटनाओं ने एक बार फिर उड़ानों की सुरक्षा और एयरलाइंस के आपातकालीन प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटीज़ और फ्लाइट क्रू की त्वरित कार्रवाई ने किसी बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन यात्रियों के लिए ये अनुभव कभी न भूलने वाला साबित हुआ।