
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पहलगाम में कैबिनेट की बैठक आयोजित की। यह बैठक उस स्थान पर हुई जहां 22 अप्रैल को बैसरन वैली में आतंकियों ने बड़ा हमला किया था, जिसमें एक स्थानीय व्यक्ति समेत 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आई थी।
पर्यटकों को वापस लुभाने के लिए उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर की जगह पहलगाम को चुना और मंगलवार, 27 मई को यहां कैबिनेट की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे केवल सरकारी कदम उठाने नहीं आए हैं, बल्कि इस इलाके में दहशतगर्दी और हिंसा को रोकने के लिए भी यह पहल की गई है। उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर में विकास और खुशहाली ही भविष्य है।
जम्मू-कश्मीर में टूरिस्ट का स्वागत है – उमर अब्दुल्लाउमर अब्दुल्ला ने कहा, पूरे जम्मू-कश्मीर और खासतौर पर पहलगाम के लोगों ने जो 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था, उसके खिलाफ आवाज उठाई थी। हम सभी आतंकवाद और दहशतगर्दी के विरुद्ध हैं। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटक फिर से आएं और उनका गर्मजोशी से स्वागत हो। इसी उद्देश्य से यह बैठक आयोजित की गई।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, पर्यटन हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है और यह राज्य के हर नागरिक के लिए बड़ा रोजगार स्रोत भी है। विश्व को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को एक आर्थिक अवसर के रूप में देखना चाहिए। हमें विश्वास है कि यहां फिर से पर्यटक आएंगे।
पिछले 5-6 हफ्ते पूरे देश के लिए चुनौतीपूर्ण रहे – उमर अब्दुल्लाउन्होंने बताया, पिछले 5-6 हफ्ते पूरे देश के लिए अनुकूल नहीं रहे, और जम्मू-कश्मीर को इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस कठिन समय में हमें केंद्र सरकार की भी मदद की जरूरत है ताकि हम आगे बढ़ सकें।
सीएम ने कहा, बैसरन वैली में हुए हमले के बाद हमने तय किया है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। हमें वहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने होंगे ताकि पर्यटक फिर से निडर होकर आ सकें। हमें पूरी उम्मीद है कि टूरिस्ट वापसी करेंगे।
बिना सुरक्षा इंतजाम के टूरिस्ट नहीं आएंगे – सीएम उमर अब्दुल्लाउन्होंने यह भी कहा, पर्यटन तभी सफल हो पाएगा जब हम यहां पर्याप्त सुरक्षा का प्रबंध कर सकेंगे। यह सिर्फ हमारी सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि केंद्र सरकार को भी इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने होंगे। अगर सुरक्षा नहीं होगी, तो पर्यटक यहां आने से कतराएंगे।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सवाल पर उमर अब्दुल्ला का जवाबजब ऑपरेशन सिंदूर से मिली उपलब्धियों के बारे में पूछा गया, तो उमर अब्दुल्ला ने कहा, झगड़े के अलावा आपको वहां कुछ नजर नहीं आता।
उन्होंने आगे बताया कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पुनः सक्रिय करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी बैठकें की हैं और नीति आयोग की बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई है।