पांगी घाटी में बदला मौसम का मिज़ाज, अचानक बर्फबारी से तापमान 8 डिग्री तक गिरा; हिमाचल के मौसम का जानें ताज़ा हाल

पांगी घाटी में मंगलवार को मौसम ने अचानक ऐसा रुख बदला कि लोग हैरान रह गए। सुबह तक हालात सामान्य बने रहे, लेकिन दोपहर ढलते-ढलते आसमान में घने बादल छा गए और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ गिरने का सिलसिला शुरू हो गया।

घाटी के निचले क्षेत्रों में दिनभर बादलों की चादर तनी रही और सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी। ठंड का असर इतना तेज रहा कि पांगी का न्यूनतम तापमान माइनस सात से आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। हुडान, सुराल, सैचू और कुमार पंचायत समेत ऊपरी इलाकों में करीब पांच से छह इंच तक ताजा हिमपात दर्ज किया गया है।

जानकारों के मुताबिक, इससे भी ऊंची चोटियों पर हालात और कठोर रहे, जहां 12 से 15 इंच तक बर्फ गिरने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि निचले इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई, लेकिन पूरे दिन छाए बादल और बर्फीली हवाओं ने तापमान को तेजी से नीचे गिरा दिया। शाम तक निचले क्षेत्रों में हिमपात शुरू नहीं हो सका था।

मौसम में आए इस बदलाव को लेकर स्थानीय किसानों और बागवानों की प्रतिक्रिया मिली-जुली नजर आई। बागवानों को उम्मीद थी कि इस बार एक से दो फीट तक बर्फबारी होगी, जिससे सेब समेत अन्य फसलों को भरपूर नमी मिल सकेगी और जमीन में पर्याप्त जल संचित हो पाएगा।

लेकिन अब तक हुई सीमित बर्फबारी से उनकी उम्मीदें पूरी होती नहीं दिख रहीं। यदि आने वाले दिनों में पर्याप्त हिमपात नहीं हुआ, तो इसका सीधा असर खेती और बागवानी पर पड़ सकता है। इसी आशंका के चलते किसान और बागवान भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं।

क्षेत्र के बुजुर्गों का कहना है कि पहले नवंबर और दिसंबर के महीनों में पांगी घाटी में दो से तीन फीट तक बर्फ गिरना आम बात हुआ करती थी। भारी हिमपात से न केवल ठंड लंबे समय तक बनी रहती थी, बल्कि प्राकृतिक जलस्रोत भी भरपूर रूप से रिचार्ज हो जाते थे। मगर बीते कुछ वर्षों से यहां लगातार कम हिमपात हो रहा है, जिसका सीधा और गहरा प्रभाव खेती-बाड़ी और बागवानी पर साफ तौर पर दिखाई देने लगा है।