गोवा क्लब त्रासदी: 4 लोग हिरासत में, अफसर सस्पेंड, जांच रिपोर्ट एक हफ्ते में; जानिए अब तक क्या-क्या सामने आया?

गोवा के लोकप्रिय नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में शनिवार (6 दिसंबर 2025) देर रात लगी आग ने ऐसा कहर बरपाया कि कुछ ही मिनटों में 25 लोगों की जान चली गई। अरपोरा गांव में स्थित यह क्लब पूरी तरह आग और घने धुएं में समा गया। मरने वालों में 20 कर्मचारी और 5 सैलानी शामिल थे। राजधानी पणजी से लगभग 25 किलोमीटर दूर हुई इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था, सुरक्षा मानकों और प्रशासनिक सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

आखिर कैसे भड़की आग?

पुलिस और फायर विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, आग रात करीब 12 बजे किसी विस्फोटनुमा हादसे के बाद तेजी से फैलनी शुरू हुई। अधिकांश लोगों की मौत जलने से नहीं, बल्कि दम घुटने से हुई। कई कर्मचारी ग्राउंड फ्लोर और किचन एरिया में फंस गए, जहां से बाहर निकलना असंभव था। घटना स्थल संकरी गलियों के बीच होने की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां क्लब तक पहुँच ही नहीं सकीं। पानी के टैंकरों को लगभग 400 मीटर पहले रोकना पड़ा, जिससे आग पर नियंत्रण पाने में कीमती समय बर्बाद हो गया।

25 मृतकों की पहचान पूरी

गोवा सरकार ने पुष्टि की कि सभी 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है। इनमें शामिल हैं:

उत्तराखंड के 5,

नेपाल के 4,

झारखंड और असम के 3-3,

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 2-2,

पश्चिम बंगाल का 1 व्यक्ति,

दिल्ली के एक ही परिवार के 3 सदस्य,

और कर्नाटक का 1 पर्यटक।

यह विविध सूची बताती है कि घटना का असर सिर्फ गोवा ही नहीं, कई राज्यों और एक पड़ोसी देश तक महसूस किया जा रहा है।

फायर सेफ्टी नियमों की 'खुली अनदेखी'

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि प्रारंभिक जांच से सामने आया है कि नाइट क्लब ने फायर सेफ्टी के मूलभूत मानकों का पालन ही नहीं किया था। आपातकालीन निकास, अलार्म सिस्टम और स्टाफ ट्रेनिंग—सब कुछ अधूरा या अनुपस्थित बताया जा रहा है। इसी कारण आग इतनी तेजी से फैली कि लोग बाहर निकलने का मौका ही नहीं पा सके।

मैनेजमेंट टीम के 4 लोग गिरफ्तार

घटना के बाद पुलिस ने तेज कार्रवाई करते हुए क्लब के चीफ जनरल मैनेजर, जनरल मैनेजर, बार मैनेजर और गेट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। क्लब मालिकों और कार्यक्रम आयोजित करने वालों पर भी FIR दर्ज कर ली गई है। माना जा रहा है कि जांच आगे बढ़ने पर और भी गिरफ्तारी हो सकती है।

3 सरकारी अधिकारी निलंबित

सरकार ने 2023 में सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के बावजूद क्लब को अनुमति देने वाले तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। हादसे की जांच के लिए एक तीन-सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसमें शामिल हैं:

साउथ गोवा कलेक्टर

फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज के उपनिदेशक

फॉरेंसिक साइंस लैब के निदेशक

कमेटी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।

घायल लोग अभी भी अस्पताल में

इस दुर्घटना में 6 लोग घायल हुए, जिनमें से 5 अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ की स्थिति नाजुक बनी हुई है। गोवा सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए ₹5 लाख और घायलों के लिए ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। साथ ही नेपाल और विभिन्न राज्यों के कर्मचारियों के शव उनके परिवारों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएँ जताई हैं।

अब राज्यभर में सभी नाइट क्लबों का सेफ्टी ऑडिट

मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि इस घटना के बाद सरकार अब गोवा के हर क्लब, रेस्टोरेंट और भीड़भाड़ वाले आयोजन स्थल का व्यापक सुरक्षा ऑडिट करेगी। जिन भी संस्थानों के पास उचित लाइसेंस या सेफ्टी प्रमाणन नहीं होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी विधायक का गंभीर आरोप

गोवा भाजपा विधायक माइकल लोबो ने दावा किया कि यह नाइट क्लब बिना आवश्यक दस्तावेजों के लाइसेंस प्राप्त किए हुए था। उन्होंने कहा कि क्लब के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की NOC,सही फायर लाइसेंस दोनों में से कोई भी जरूरी मंज़ूरी नहीं थी। लोबो ने यह भी जोड़ा कि गोवा पर्यटन का बड़ा केंद्र है, इसलिए सुरक्षा मानकों पर किसी भी तरह का समझौता घातक साबित हो सकता है। उन्होंने याद दिलाया कि मुंबई में कुछ वर्ष पहले हुई समान घटना के बाद भी उन्होंने ऐसे स्थानों की कड़ी निगरानी की मांग की थी।