पहलगाम में आतंकी कैसे पहुंचे? PoK क्यों नहीं लिया गया? – गौरव गोगोई ने सरकार पर उठाए तीखे सवाल

संसद के मानसून सत्र में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां छुपाई हैं। गौरव गोगोई ने कहा, “राजनाथ सिंह जी ने इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी, लेकिन उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि आखिर पाकिस्तान से आए आतंकवादी पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र तक कैसे पहुंचे और 26 मासूम लोगों की जान कैसे ले ली।” उन्होंने आगे कहा, “हम राष्ट्रहित में सवाल उठा रहे हैं और ये हमारा कर्तव्य है, न कि कोई राजनीतिक चालबाजी।”

जवाबदेही से बचती दिखी सरकार

लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गोगोई ने कहा कि आज की दुनिया ‘सूचना युद्ध’ के दौर में जी रही है। “मंत्री महोदय ने तमाम बातें साझा कीं, लेकिन सबसे अहम सवाल का जवाब नहीं दिया — ये आतंकी घाटी के अंदर तक कैसे दाखिल हुए और उन्होंने इतने बड़े पैमाने पर जान-माल को नुकसान कैसे पहुंचाया?” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस आतंक के खिलाफ सरकार के साथ है, लेकिन जवाबदेही से भागना स्वीकार नहीं किया जा सकता। “100 दिन बीत गए और सरकार अभी तक उन 5 आतंकियों तक नहीं पहुंच पाई, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया। कहीं न कहीं इन्हें स्थानीय मदद मिली होगी — इसपर अब तक सरकार मौन क्यों है?”

जिम्मेदारी का बोझ उपराज्यपाल पर क्यों?

गोगोई ने स्पष्ट कहा कि विपक्ष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस इसलिए मांगी थी ताकि इन गंभीर सवालों का जवाब मिल सके। उन्होंने कहा, “सरकार को जवाबदेही खुद लेनी चाहिए, लेकिन वह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने हाल ही में नैतिक जिम्मेदारी लेने की बात कही थी।”

गलत जानकारियां फैलाने वालों से सतर्क रहें

गौरव गोगोई ने अपने संबोधन की शुरुआत इस बात से की कि ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद देश में “कुछ शक्तियाँ लोगों को गुमराह करने और झूठी सूचनाएं फैलाने में जुटी हैं।” उन्होंने कहा कि “जब देश एक बड़े आतंकी हमले से जूझ रहा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे। यात्रा पूरी करने के बाद भी वे सीधे पीड़ितों से मिलने नहीं गए, बल्कि बिहार में राजनीतिक रैलियों में भाषण देते रहे।”

राहुल गांधी ही गए थे पीड़ितों से मिलने

गोगोई ने कहा, “जब सरकार के शीर्ष नेता घटनास्थल से दूरी बनाए हुए थे, तब केवल राहुल गांधी ही वहां जाकर पीड़ित परिवारों से मिले। यह दिखाता है कि संवेदनशीलता किसके पास है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की ओर से सच को दबाने की कोशिश की गई, और जब विपक्ष सवाल उठाता है, तो उन्हें चुप कराने का प्रयास किया जाता है।