
बिहार के वैशाली जिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के काफिले की दो गाड़ियों को शुक्रवार देर रात एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में तेजस्वी यादव बाल-बाल बच गए, लेकिन तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इसके बाद तेजस्वी यादव के समर्थकों ने उस सड़क की पूजा की जहाँ से वह सुरक्षित होकर गुजरे। एक वायरल वीडियो में एक समर्थक सड़क को अगरबत्ती दिखाते हुए घुटनों के बल नतमस्तक होता नजर आ रहा है। हालांकि, लाइव हिन्दुस्ता इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजद नेता केदार यादव ने नेशनल हाइवे-22 पर इस पूजा-अर्चना का आयोजन किया। उन्होंने तेजस्वी यादव के सुरक्षित बचने पर सड़क की पूजा की और उनकी लंबी आयु की कामना की। पूजा के बाद केदार यादव ने अन्य समर्थकों को मिठाई भी खिलाई। केदार यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव उनके भगवान हैं और सड़क देवता ने उन्हें बाल-बाल बचा लिया है, इसलिए वह इस खुशी का इजहार कर रहे हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ट्रक से उस गाड़ी को टक्कर नहीं लगी थी जिसमें राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सवार थे। यह दुर्घटना शुक्रवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे हुई, जब उनका काफिला गोरौल के पास पटना-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चाय पीने के लिए रुका था। अधिकारी ने बताया कि वे मधेपुरा से पटना लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
तेजस्वी यादव को किसी भी तरह की चोट नहीं आई। हादसे के बाद वह अस्पताल भी पहुंचे और घायल सुरक्षाकर्मियों का हालचाल जाना। अस्पताल में उन्होंने बताया कि यह दुर्घटना तभी हुई जब वे मधेपुरा से पटना लौट रहे थे और गोरौल के पास चाय पीने के लिए रुके थे। उसी समय एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनके काफिले की दो गाड़ियों को टक्कर मार दी, जिससे तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए। उन्होंने जिला पुलिस और प्रशासन को तुरंत सूचित किया। यह दुर्घटना उनके वाहन से मात्र पांच फुट की दूरी पर हुई थी। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है और वाहन जब्त कर लिया गया है।
इस घटना पर तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी की सुरक्षा में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है और इसकी त्वरित जांच होनी चाहिए। रोहिणी ने सवाल उठाया कि काफिले के बीच तेजस्वी की गाड़ी से महज पांच फुट की दूरी पर ट्रक कैसे पहुंचा? उन्होंने यह भी कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सुरक्षा में जानबूझकर कोताही बरती गई हो और मंशा तेजस्वी को नुकसान पहुंचाने की हो? उन्होंने याद दिलाया कि यह पहली बार नहीं है, पहले भी तेजस्वी के काफिले के साथ ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।