नई दिल्ली। एक दिवसीय विश्व कप क्रिकेट 2023 के सेमीफाइनल में अपराजित टीम के तौर पर पहुँची भारत के लिए बहुत बड़ी परीक्षा की घड़ी है। क्रिकेट प्रशंसकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत विश्व कप पिछली दो हार का बदला इस बार लेने में सफल होगा या नहीं। वहीं दूसरा प्रश्न पिछले 8 नॉकआउट मुकाबलों में भारत को हार का सामना करना पड़ा है। क्या इस बार वो विश्व कप सेमीफाइनल को जीतकर इस क्रमवार हार को रोकने में सफल होगा।
भारतीय टीम ने पिछले 10 सालों में आइसीसी टूर्नामेंट में आठ नॉकआउट मुकाबले खेले हैं और सभी में उसे हार का सामना करना पड़ा है। इस दौरान भारतीय टीम ने वनडे विश्व कप में दो सेमीफाइनल मुकाबले 2015 और 2019 में खेले और दोनों बार उसे हार झेलनी पड़ी। न्यूजीलैंड टीम से हिसाब चुकाने का मौका
टीम इंडिया के पास न्यूजीलैंड से 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में मिली हार का हिसाब चुकाने का भी अच्छा मौका है। लेकिन इसके लिए भारतीय टीम को नॉकआउट मैचों के दबाव से उबरना होगा।
लीग मैच में दी मात
हालांकि अच्छी बात यह है कि भारतीय टीम ने लीग मुकाबले में न्यूजीलैंड को चार विकेट से शिकस्त दी थी। ऐसे में टीम इंडिया का मनोबल बढ़ा हुआ होगा। वानखेड़े में पहले बल्लेबाजी करना फायदेमंद
पिछले मैचों में 3 मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीते हैं। वानखेड़े में इस साल खेले गए वनडे मैचों के रेकॉर्ड पर नजर डालें तो पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम फायदे में रही है। साल 2023 में यहां कुल पांच वनडे खेले गए हैं। इसमें से तीन पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीते हैं। भारत ने भी यहां 02 नवंबर को खेले गए विश्व कप मुकाबले में श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी करने के बाद रेकॉर्ड 302 रन से हराया था।