35 गेंदों में शतक लगाने वाले वैभव सूर्यवंशी की कमाई जानकर रह जाएंगे दंग...जानिए फैमिली के बारे में

IPL इतिहास में सबसे कम उम्र में खेलने वाले क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी अब अपनी उम्र से कहीं ज्यादा अपने जबरदस्त रिकॉर्ड के चलते चर्चा में हैं। राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा बने वैभव का नाम अब हर क्रिकेट प्रेमी की जुबां पर है। उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ सिर्फ 35 गेंदों में तूफानी शतक लगाकर दर्शकों को चौंका दिया है। इस प्रदर्शन के बाद वह आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। आइए जानते हैं वैभव की कुल संपत्ति, पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनके संघर्ष की कहानी।

कौन हैं वैभव सूर्यवंशी?


वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर गांव में हुआ था। उन्होंने महज 9 साल की उम्र में क्रिकेट की शुरुआत कर दी थी और इसी उम्र में एक क्रिकेट एकेडमी जॉइन की। उनके पहले कोच कोई और नहीं, बल्कि उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ही थे, जिन्होंने वैभव को शुरू से ट्रेनिंग दी।

IPL में डेब्यू करते ही बने करोड़पति


राजस्थान रॉयल्स ने वैभव सूर्यवंशी को आईपीएल ऑक्शन में 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा, जब उनकी उम्र सिर्फ 13 साल थी। उन्होंने हाल ही में राजस्थान टीम के साथ अपना 14वां जन्मदिन मनाया, और इसके कुछ समय बाद उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। उनका बेस प्राइस 30 लाख रुपये था, लेकिन राजस्थान और दिल्ली कैपिटल्स दोनों के बीच बोलीबाज़ी में उनका मूल्य करोड़ से ऊपर चला गया।

ब्रांड एंडोर्समेंट की ओर बढ़ते कदम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैभव को अब ब्रांड एंडोर्समेंट के ऑफर भी मिलने लगे हैं। हालांकि इस संबंध में विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन जिस तरह से वह क्रिकेट जगत में तेजी से उभरे हैं, इससे तय है कि आने वाले दिनों में वह विज्ञापनों से भी मोटी कमाई करेंगे।

कितनी है वैभव सूर्यवंशी की कुल संपत्ति?


इस समय उनकी अधिकतर कमाई आईपीएल अनुबंध से ही है। इसके अलावा उन्होंने बिहार की अंडर-19 टीम से रणजी ट्रॉफी और वीनू मांकड़ ट्रॉफी में भी भाग लिया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी कुल नेटवर्थ लगभग 2 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। साथ ही, 35 गेंदों में शतक जड़ने की उपलब्धि पर बिहार सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने उन्हें 10 लाख रुपये की इनामी राशि देने की घोषणा की है।

संघर्षों से भरी प्रेरणादायक कहानी


वैभव के पिता एक किसान हैं और खेती-बाड़ी करते हैं। उन्होंने वैभव को क्रिकेटर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब वैभव को पटना जाकर ट्रेनिंग लेनी थी, उस वक्त पैसों की भारी जरूरत थी, तब उनके पिता ने जमीन बेचकर बेटे का सपना पूरा किया। आज उनका संघर्ष रंग लाया है और वैभव देशभर में एक नई पहचान बना चुके हैं।