टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में बुलंदियों पर पहुंचा भारत एक के बाद एक कई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। उसका टॉप क्लास परफोरमेंस जारी है। भारत ने आज शनिवार (4 सितंबर) को एक और स्वर्ण पदक जीत लिया। तीसरा गोल्ड शूटिंग में मिला है। निशानेबाज मनीष नरवाल ने पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 इवेंट में स्वर्ण दिलाया। इसी स्पर्धा में सिंहराज अधाना ने रजत पर कब्जा जमाया।
इसी के साथ टोक्यो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 15 हो गई। इनमें तीन स्व्र्ण, सात रजत और पांच कांस्य पदक शुमार हैं। शूटिंग में भारत 5 पदक जीत चुका है। असाका शूटिंग रेंज में 19 वर्षीय मनीष ने 218.2 अंकों के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया, जबकि सिंहराज ने 216.7 अंकों के साथ रजत पर निशाना साधा। रूसी पैरालंपिक समिति (RPC) के सर्गेई मालिशेव (196.8) ने कांस्य पदक जीता।
फाइनल में अच्छी नहीं रही थी मनीष की शुरुआत
क्वालीफाइंग दौर
में सिंहराज 536 अंक लेकर चौथे और नरवाल 533 अंक के साथ सातवें स्थान पर
थे। भारत के आकाश 27वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह नहीं बना सके। फाइनल
में सिंहराज ने अच्छी शुरुआत की, जबकि मनीष की शुरुआत बेहद खराब रही।
हालांकि दोनों ही निशानेबाजों ने उस वक्त सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जब
उन्हें इसकी जरूरत थी। इस वर्ग में निशानेबाज एक ही हाथ से पिस्टल पकड़ते
हैं क्योंकि उनके एक हाथ या पैर में विकार होता है जो रीढ़ में चोट या अंग
कटने की वजह से होता है। कुछ निशानेबाज खड़े होकर तो कुछ बैठकर निशाना
लगाते हैं। सिंहराज का टोक्यो पैरालंपिक में यह दूसरा पदक है। इससे पहले
उन्हों ने पी1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 में कांस्य पदक जीता था।
मनीष को 6, तो सिंहराज को 4 करोड़ रुपए देगी हरियाणा सरकार
हरियाणा
सरकार मनीष नरवाल को 6 करोड़, तो सिंहराज अधाना को 4 करोड़ रुपए का इनाम
देने की घोषणा की है। इसके साथ हरियाणा सरकार ने दोनों खिलाड़ियों को बधाई
भी दी है। यह दोनों निशानेबाज फरीदाबाद के रहने वाले हैं। स्वर्ण जीतने के
बाद मनीष ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। आपको बता दें कि मनीष का परिवार 2016
में उन्हें पास की एक निशानेबाजी रेंज में ले गया और वे तुरंत इस खेल की
ओर आकृष्ट हुए। वे नियमित अभ्यास करते रहे लेकिन उस समय उन्हें पैरालंपिक
खेलों के बारे में नहीं पता था। कोच जयप्रकाश नौटियाल ने उनकी प्रतिभा को
पहचाना। मनीष ने 2017 बैंकाक विश्व कप में पी1 एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा
में स्वर्ण जीता।