Tokyo Olympic : अदिति ने कायम रखी पदक की उम्मीद, कांस्य मिलने के बाद श्रीजेश ने कहा-यह पुनर्जन्म है

टोक्यो ओलंपिक की महिला गोल्फ स्पर्धा में भारतीय खिलाड़ी अदिति अशोक ने अभी तक उम्मीदों से बेहतर किया है। उनके प्रदर्शन से पदक की उम्मीद जग रही है। आज गुरुवार को दूसरे राउंड का खेल खत्म होने तक अदिति संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। उनका कुल स्कोर नौ अंडर 133 है। अदिति पहले राउंड के बाद भी संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर थीं। अदिति के साथ डेनमार्क की दो गोल्फर नेना कोर्स्ट्ज मैडसन और एमिली क्रिस्टीन पेडरसन दूसरे स्थान पर काबिज हैं। मैडसन पांच स्थान जबकि पेडेरसन 14 स्थान के फायदे के साथ यहां तक पहुंची हैं। अदिति ने पहले दिन 67 और दूसरे दिन 66 का स्कोर किया।

नं.1 खिलाड़ी से चार शॉट पीछे हैं अदिति

23 वर्षीय अदिति ने कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में दूसरे दौर में पांच बर्डी लगाईं। अदिति ने दूसरे, पांचवें, 15वें, 17वें और 18वें होल में बर्डी जमाईं। अदिति दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं और उनकी मां उनके कैडी की भूमिका निभा रही हैं। दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी अमेरिका की नेली कोर्डा का दो राउंड के बाद कुल स्कोर 129 है। उन्होंने पहले राउंड में 67 और दूसरे में 62 का स्कोर किया। वे अदिति से चार शॉट आगे हैं। ए अन्य भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर दूसरे दौर में एक ओवर 72 के स्कोर से कुल छह ओवर 148 के स्कोर के साथ संयुक्त 53वें स्थान पर चल रही हैं।


श्रीजेश ने 60 मिनट में दिखाया 21 साल का अनुभव

भारतीय पुरुष हॉकी टीम कांस्य पदक जीतने में सफल रही। उसने 41 साल बाद ओलंपिक में कोई पदक जीता है। भारत ने आज जर्मनी को 5-4 से हराया। अनुभवी गोलकीपर 35 वर्षीय पीआर श्रीजेश की भी जीत में अहम भूमिका रही। जब अंतिम 6 सैकंड बचे थे तो जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला। श्रीजेश ने ड्रैग फिल्कर के स्ट्रोक को रोकते हुए भारत को खुशियों का मौका दे दिया। जीत के बाद श्रीजेश ने कहा कि यह पुनर्जन्म है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस जीत से प्रेरित होकर आने वाली पीढ़ी में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी पैदा होंगे।

श्रीजेश ने कहा कि 41 साल हो गए। आखिरी पदक 1980 में मिला था। उसके बाद कुछ नहीं। आज हमने पदक जीत लिया जिससे युवा खिलाड़ियों को हॉकी खेलने की प्रेरणा और ऊर्जा मिलेगी। यह खूबसूरत खेल है। हमने युवाओं को हॉकी खेलने का एक कारण दिया है। मैं आज हर बात के लिए तैयार था क्योंकि यह 60 मिनट सबसे महत्वपूर्ण थे। मैं 21 साल से हॉकी खेल रहा हूं और मैंने खुद से इतना ही कहा कि 21 साल का अनुभव इस 60 मिनट में दिखा दो।