टोक्यो ओलंपिक शुरू होने में ज्यादा समय नहीं बचा है। इसका काउंटडाउन जारी है और अब सिर्फ 11 दिन शेष हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत किस-किस खेल में पदक हासिल कर सकता है। हर बार की तरह इस बार भी भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी पर नजर रहेगी। इस खेल में भारत ने अंतिम बार 1980 में पदक जीता था। भारत चमकदार प्रदर्शन के साथ 41 साल का सूखा खत्म करना चाहेगा। आठ बार की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने वर्ष 1960 में रजत और 1968 व 1972 में कांस्य पदक जीते थे। भारत ने 1980 में फाइनल में स्पेन को हराकर गोल्ड मैडल जीता था।
भारत के ग्रुप में हैं तगड़ी टीमें
उसके बाद से भारतीय हॉकी
का स्तर नीचे और अन्य देशों का ऊपर जाता गया। ऐसे में टीम को काफी संघर्ष
करना पड़ा। भारत 2008 के बीजिंग ओलंपिक के लिए तो क्वालीफाई भी नहीं कर पाया
था। फिलहाल भारत विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम
बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और जर्मनी के साथ प्रमुख दावेदार है। टीम
में गोलकीपर पीआर श्रीजेश, मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह
और बीरेंद्र लाकड़ा जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। भारत रियो ओलंपिक-2016 की
चैंपियन अर्जेंटीना, विश्व की नंबर-1 टीम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन
और जापान के साथ ग्रुप ए में है। दोनों ग्रुप से 4-4 टीमें नॉकआउट राउंड
में जाएंगी। रानी रामपाल के नेतृत्व में महिला हॉकी टीम से भी पदक की
उम्मीद है।
पूर्व डिफेंडर दिलीप टिर्की को है काफी उम्मीदें
भारतीय
पुरुष हॉकी टीम के पूर्व डिफेंडर दिलीप टिर्की ने कहा है कि मनप्रीत की
कप्तानी वाली इस टीम में कई बेहतरीन खिलाड़ी शामिल हैं। दिलीप ने 1996
अटलांटा, 2000 सिडनी और 2004 एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया
है। दिलीप ने कहा कि मुझे मौजूदा भारतीय टीम से बहुत उम्मीदें हैं। टीम में
कई बेहतरीन खिलाड़ी है और इनके पास टोक्यो में पदक जीतने का अच्छा मौका
है। मैं टीम को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं और उम्मीद करता हूं कि ये
इस ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।