क्रिकेट प्रशंसकों की नजरें टी20 वर्ल्ड कप में चल रहे मैचों पर लगी हुई है, जहाँ सुपर 8 के मैच खेले जा रहे हैं। सुपर 8 के ग्रुप 2 के मैचों में इंगलैण्ड ने वेस्ट इंडीज को हराने में सफलता प्राप्त कर ली है। इंगलैण्ड जहाँ टी20 के चलते चर्चाओं में है, तो वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड में टी20 ब्लास्ट के भी मुकाबले खेले जा रहे हैं, जिसमें 20 जून को यॉर्कशायर और लंकाशायर के बीच खेला गया मैच सभी के लिए चर्चा का विषय बन गया है। इस मुकाबले में यॉर्कशायर की टीम से खेल रहे पाकिस्तानी टेस्ट टीम के कप्तान शान मसूद एक ही गेंद पर पहले हिट-विकेट हुए और उसके बाद रन आउट भी हो गए, लेकिन उन्हें पवेलियन नहीं लौटना पड़ा, जिसके पीछे की बड़ी वजह क्रिकेट का नियम 31.7 ने उन्हें बचाने का काम किया।
नो-बॉल होने पर भी इस वजह से मसूद नहीं हुए रन आउट
यॉर्कशायर और लंकाशायर के बीच खेले जा रहे टी20 ब्लास्ट के इस मुकाबले में शान मसूद के बल्ले से 41 गेंदों में 61 रनों की बेहतरीन पारी देखने को मिली। इसी दौरान जब मसूद अपनी पारी में 36 गेंदों का सामना करते हुए 58 रन बना चुके थे तो लंकाशायर के तेज गेंदबाज जैक ब्लैथरविक की गेंद पर मसूद ने स्कूप शॉट खेलने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान विकटों के काफी करीब पहुंचने की वजह से वह हिट-विकेट हो गए वहीं इसी दौरान मैदान अंपायर ने इस गेंद को नो-बॉल भी करार दे दिया। मसूद ने अंपायर द्वारा दिए गए फैसले को ना देखते हुए खुद को आउट मानते हुए क्रीज को छोड़ दिया था, लेकिन इसी दौरान दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज एक रन चुराने के प्रयास में स्ट्राइक एंड पर पहुंच गया। इसी दौरान शान जो क्रीज से बाहर थे उन्हें फील्डर ने रन आउट कर दिया।
शान मसूद इंग्लैंड में खेली जा रही टी20 ब्लास्ट में यार्कशायर की कप्तानी कर रहे हैं। उनके साथ इस टीम में जो रूट सरीखे दिग्गज भी हैं। बल्कि जब यह वाकया हुआ तो रूट शान मसूद के साथ क्रीज पर भी मौजूद थे।
इंग्लैंड में खेले जा रहे टी20 ब्लास्ट में गुरुवार को यार्कशायर और लंकाशायर के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। यहां पर यार्कशायर ने पहले बैटिंग की और आठ विकेट के नुकसान पर 173 रन बनाए। जवाब में खेलने उतरी लंकाशायर की टीम आठ विकेट पर 166 रन ही बना सकी। यार्कशायर के कप्तान शान मसूद के साथ यह वाकया उस वक्त हुआ जब वो जो रूट के साथ बैटिंग कर रहे थे। उस वक्त रूट 43 और मसूद 58 रन बनाकर खेल रहे थे। शान मसूद ने लंकाशायर के बॉलर जैक ब्लैदरविक की गेंद पर रिवर्स स्कूप शॉट खेलना चाहा। गेंद उनके बल्ले से लगकर उनके हेलमेट में लगी और थर्डमैन की दिशा में चली गई।
उधर यह शॉट खेलने की कोशिश में मसूद का पैर स्टंप से टकरा गया और बेल्स गिर गईं। मसूद को लगा कि वो आउट हो चुके हैं। तभी सामने से जो रूट रन के लिए भाग पड़े। मसूद रन नहीं लेना चाहते तो, लेकिन तभी अंपायर ने गेंद को नो बॉल करार दे दिया। इसके बाद मसूद रन के लिए भागे, लेकिन नॉन स्ट्राइक पर गेंदबाज ने उन्हें रन आउट कर दिया। यहां से असली ड्रामा शुरू हुआ। शान मसूद दो-बार आउट होने के बावजूद पवेलियन लौटने को राजी नहीं थे। उन्होंने विपक्षी टीम के खिलाड़ियों और अंपायर से बातचीत की और पक्ष रखा। उन्होंने अंपायरों से बताया कि वह गलतफहमी के चलते रन आउट हुए हैं। इसके बाद अंपायरों ने उनकी बात मान ली और उन्हें जीवनदान मिल गया।
शान मसूद के नॉट आउट रहने में आईसीसी के नियम की भी बड़ी भूमिका रही। नियम 31.7 अंपायर्स को अधिकार देता है कि अगर बल्लेबाज को आउट नहीं दिया गया है और वह किसी गलतफहमी के चलते क्रीज छोड़ देता है तो उसे नॉटआउट करार दिया जाएगा। ऐसा करने के लिए अंपायर उस गेंद को डेड बॉल घोषित कर सकता है, जिसे
खेलते वक्त ऐसा हुआ। शान मसूद को इसी नियम का फायदा मिल गया। उन्हें भी अंपायर ने आउट नहीं दिया था और गिल्लियां बिखरी देख उन्हें लगा कि वह आउट हैं। बाद में जब गेंद को नो बॉल करार दिया गया तो वह रन के लिए दौड़ पड़े थे।
इसके अलावा इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के भी इस टी20 लीग के नियम के अनुसार यदि किसी बल्लेबाज के हेलमेट या सिर पर बॉल लगती है तो उसे तुरंत डेड करार दे दिया जाएगा और इस नियम से भी शान मसूद को आउट नहीं दिया जा सकता था।
इस मुकाबले को लेकर बात की जाए तो यॉर्कशायर
की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 173 रन बनाए थे तो वहीं लंकाशायर की टीम 166 रन ही बनाने में कामयाब सकी और उन्हें इस मुकाबले में 7 रनों से हार का सामना करना पड़ा।