रमीज राजा ने माना भारत का एहसान! लोकेश राहुल बने पंजाब के नं.1 बल्लेबाज, मिथुन ने लिया संन्यास

बेलगाम आतंकी गतिविधियों के चलते पाकिस्तान क्रिकेट की हालत बड़ी दयनीय है। वहां कोई भी देश आकर खेलना पसंद नहीं करता। ऐसे में उसको देश में इस खेल को बनाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वह अपने अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी यूएई में करता है। पाकिस्तान के सामने बड़ा आर्थिक संकट है। इस बीच पिछले दिनों नियुक्त किए गए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नए अध्यक्ष रमीज राजा ने भारत और बीसीसीआई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हाल ही न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के अचानक दौरा रद्द करने पर भारत पर निशाना साधा था, लेकिन अब उनके तेवर नरम पड़ गए हैं।

पूर्व सलामी बल्लेबाज व कमेंटेटर की भूमिका निभा चुके रमीज ने सीनेट की स्थायी समिति की बैठक में कहा कि भारत अगर नहीं होता तो पाकिस्तान क्रिकेट सड़क पर होता। पीसीबी, आईसीसी की 50 प्रतिशत फंडिंग से चलता है जबकि आईसीसी को 90 प्रतिशत फंडिंग भारत से होती है। मुझे इस बात का डर है कि अगर भारत आईसीसी को फंडिंग करना बंद कर दे तो पीसीबी का क्या हाल होगा। ऐसे में पीसीबी पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। पीसीबी, आईसीसी को जीरो फंडिंग करता है। आईसीसी हमें मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर पीसीबी आर्थिक रूप से मजबूत होता, तो न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी टीमें दौरा रद्द नहीं कर पातीं।

लोकेश राहुल ने चेन्नई के खिलाफ मैच के दौरान हासिल की उपलब्धि

दाएं हाथ के ओपनर लोकेश राहुल आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। राहुल ने पंजाब के लिए 2018 से लेकर अब तक 55 मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 2487 रन जुटाए हैं। राहुल ने गुरुवार को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की। राहुल का पंजाब के लिए नाबाद 132 रन उनका सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने पंजाब के लिए दो शतक और 22 अर्धशतक लगाए हैं। राहुल से पहले पंजाब के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शॉन मार्श के नाम था। उन्होंने 2477 रन बनाए थे। मार्श के खाते में एक शतक और 20 अर्धशतक रहे। डेविड मिलर (1974) तीसरे, ग्लेन मैक्सवेल (1383) चौथे और क्रिस गेल (1339) पांचवें स्थान पर हैं।


भारत के लिए खेल चुके हैं 31 साल के अभिमन्यु मिथुन

दाएं हाथ के भारतीय तेज गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन ने सिर्फ 31 साल की उम्र में ही फर्स्ट-क्लास क्रिकेट को अलविदा कह दिया। मिथुन ने गुरुवार को सोशल मीडिया अकाउंट पर लंबे मैसेज के साथ संन्यास का ऐलान किया। मिथुन ने इंस्टा पोस्ट की शुरुआत में लिखा कि काफी सोचने के बाद मैंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट छोड़ने का फैसला लिया है और मैं नई चीजें करना चाहता हूं। मैंने देश को सबसे ऊंचे लेवल पर रिप्रजेंट किया है और यह हमेशा मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि रहेगी। इससे मिली खुशी और गर्व ऐसा है जिसे मैं हमेशा याद करता रहूंगा। मेरे सफर में बेहद अहम किरदार निभाने के लिए बीसीसीआई का बहुत-बहुत धन्यवाद।

मिथुन ने 2010 में वनडे और टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने चार टेस्ट में 120 रन बनाने के साथ नौ विकेट और पांच वनडे में तीन विकेट लिए। दिसंबर 2011 के बाद से उन्हें दोबारा भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। मिथुन ने कर्नाटक के लिए लाजवाब प्रदर्शन किया। मिथुन ने 103 फर्स्ट-क्लास, 96 लिस्ट-ए और 74 टी20 मुकाबले खेले हैं। फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में उन्होंने 338 विकेट चटकाए।